नई दिल्ली। भारत ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ को लेकर बने सैन्य गतिरोध और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की चीनी सेना को क्षेत्रीय युद्ध की तैयारी के निर्देश पर कहा कि भारत की कूटनीति खामोशी से अपना काम कर रही है।…
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा जहां तक सीमा की स्थिति का संबंध है तो उस बारे में सीमा की रक्षा के लिए तैनात सैन्य बलों की समुचित कदम उठाने की जिम्मेदारी है और वे ऎसा कर भी रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कुछ दिन पहले चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच मुलाकात और सीमा मुद्दे पर बनी सहमति के बाद कई स्तरों पर कई कदम उठाए गए हैं। चीनी राष्ट्रपति के चीन की सेना को क्षेत्रीय युद्ध की तैयारी के निर्देशके बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि कूटनीति विभिन्न स्तरों पर विभिन्न स्थानों पर काम कर रही है। कूटनीति अपना काम तेजी से और खामोशी से कर रही है।
गुजरात के अहमदाबाद में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान एक दस्तावेज में भारत के मानचित्र में अरूणाचल प्रदेश के हिस्से को गलत ढंग से दिखाए जाने के मुद्दे पर एक प्रश्न के उत्तर में प्रवक्ता ने कहा कि मानचित्र में क्षेत्रों का सटीक प्रदर्शन सरकार के लिए बहुत संवेदनशील महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में ऎसा कोई मानचित्र नहीं आया जिसे गलत ढंग से दर्शाया गया है।
प्रवक्ता ने भारत चीन मीडिया संवाद कार्यक्रम रद्द किए जाने के बारे में कहा कि कार्यालयीन औपचारिकताओं के पूरा नहीं हो पाने की वजह से इसे टाला गया था। उन्होंने इस विषय को कूटनीतिक गतिरोध के रूप में पेश किए जाने पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि भारत एक सप्ताह या दस दिन बाद इसे आयोजित करने को तैयार है। तब तक इसकी औपचारिकताएं भी पूरी हो जाएंगी। प्रवक्ता ने कहा कि भारत कभी भी ऎसे मीडिया संवाद को रोकने के हक में नहीं है। वह मानता है कि ऎसे प्रयासों से दोनों देशों के बीच आपसी समझ बढ़ती है।