लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती को एक और झटका लगा है। बसपा महासचिव आरके चौधरी ने गुरूवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मायावती पर गंभीर आरोप भी लगाया है। इसके पहले बसपा के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी से बगावत कर दी थी।
राजधानी लखनऊ में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान आरके चौधरी ने बसपा छोड़ने का ऐलान किया। इस दौरान मायावती पर गंभीर आरोप लगाते हुए श्री चैधरी ने कहा कि बसपा इस समय रियल स्टेट कम्पनी हो गई है और मायावती उसकी मालकिन हैं।
चौधरी ने कहा कि बसपा अब वह नहीं रही जो कांशीराम के जमाने में थी। मायावती पार्टी को बेंच रही हैं। वह टिकटों की बिक्री कर लाखों करोड़ों कमाने में लगी हैं।
आरके चौधरी बसपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। वह पासी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। उन्होंने दलित समाज को जागरूक करने के अभियान भी चलाया है। बसपा और सपा की पहली साझा सरकार में वह मंत्री थे।
वह इससे पहले भी 11 साल 8 महीने के लिए बसपा छोड़ कर जा चुके हैं। पार्टी में मायावती के बढ़ते प्रभाव के कारण उन्होंने वर्ष 2001 में बीएसपी का दामन छोड़ दिया था और राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी बनाई थी।
उन्होंने बताया कि पार्टी की दोहरी नीतियों और बदलती कार्यप्रणाली के चलते उन्होंने बसपा छोड़ी है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि अवकाश प्राप्त प्रमोटी आईएएस अधिकारी राम बहादुर की वजह से आरके चौधरी ने बसपा छोड़ी है।
सूत्रों का कहना है कि आरके चौधरी बसपा प्रत्याशी के तौर पर मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र से अपनी चुनावी तैयारी कर रहे थे, तभी पार्टी ने इस क्षेत्र में राम बहादुर के नाम का ऐलान कर दिया। इससे वह पार्टी से नाराज चल रहे थे।
गौरतलब है कि आर के चौधरी से पहले स्वामी प्रसाद मौर्या ने बसपा को झटका दिया था। उन्होंने भी 22 जून को एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर बसपा से इस्तीफा देने का ऐलान किया था।
मौर्य ने एक जुलाई को अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि बसपा के सभी असंतुष्ट नेता वहीं जुटेंगे और लामबंद होकर कोई नई रणनीति बनाएंगे।