नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के विरोध में आंदोलनरत छात्रों से मुलाकात को भाजपा सांसदों ने नौटंकी करार दिया है।
सांसदों का कहना है कि संसद के अंदर कभी राहुल गांधी के सवालों को नहीं सुना है। लेकिन संसद के बाहर वो बच्चों की तरह जिस तरह सवाल करते है, वो एक नौटंकी से ज्यादा कुछ नहीं है।
राहुल गांधी के पुणे दौरे पर कटाक्ष करते हुए फिल्म कलाकार और भाजपा नेता परेश रावल ने कहा कि एफटीआईआई छात्रों को गजेंद्र चौहान में अगर पार्टी कार्यकर्ता नजर आता है, तो फिर राहुल गांधी में उन्हें क्या एक फिल्म निर्माता दिखता है।
परेश रावल के मुताबिक उन्होंने कभी राहुल गांधी के सवालों को नहीं सुना है, लेकिन अब शायद उन्हें एक विषय मिल गया है। फिलहाल हमें चाहिए कि हम राहुल को इस पर खुश होने दें और जश्न मनाने दें। उन्हें तो हम बाद में जवाब देंगे।
इसी तरह भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि सबसे पहले, वो उन छात्रों को ‘बच्चों’ के रूप में संबोधित करना चाहेंगी, जिनसे राहुल गांधी ने मुलाकात की। वे हमारी तुलना में युवा हैं। हमें पहले यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि राहुल संसदीय कार्यवाही के प्रति कितना गंभीर है?
मीनाक्षी ने कहा कि संसद के प्रति उनकी गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि गृह मंत्री आतंकवाद जैसे गंभीर विषय पर अपना बयान दे रहे थे और कांग्रेस सदस्य अलोकतांत्रिक ढंग से कार्यवाही में खलल डाले रहे थे। मीनाक्षी लेखी ने राहुल को सलाह दी है कि एफटीआईआई के ‘बच्चों’ के बीच भाषणबाजी करने के बजाय राहुल गांधी को यह मुद्दा संसद में उठाना चाहिए।
जानकारी हो कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार एफटीआईआई पुणे पहुंचकर गजेंद्र चौहान की नियुक्ति का विरोध कर रहे छात्रों से मुलाकात की।