नई दिल्ली। रेलवे की आरक्षित श्रेणी में पांच से बारह वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आगामी 21 अप्रेल से पूरी सीट बुक कराने पर व्यस्क का पूरा किराया वसूला जाएगा।
रेल मंत्रालय ने बाल किराया नियम में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधित नियम के अंतर्गत आरक्षण के समय यदि पांच वर्ष की आयु के बालक और 12 वर्ष की आयु के अंदर के बच्चे के लिए अलग संपूर्ण बर्थ/सीट (आरक्षित श्रेणी में) की मांग करने पर वयस्क का पूरा किराया लगेगा।
लेकिन आरक्षण कराने के समय पांच वर्ष की आयु के बालक और 12 वर्ष की आयु के भीतर के बच्चे के लिए यदि अलग पूरा बर्थ/सीट (आरक्षित श्रेणी में) नहीं मांगा जाता है तो न्यूनतम दूरी शुल्क शर्त के साथ वयस्क किराये का आधा लिया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार यह संशोधित बाल किराया नियम 21 अप्रैल, 2016 और उससे आगे की यात्रा के लिए लागू किया गया है।
21 अप्रेल से आगे यात्रा के लिए संशोधित बाल किराया नियम के अंतर्गत आरक्षित टिकटों की अग्रिम बुकिंग दिसम्बर, 2015 से ही शुरू हो गई है। आरक्षण फार्म भरते समय यात्री बालक/बालिका के लिए पूरे बर्थ/सीट का विकल्प संकेत हां या ना में दे सकते हैं।
अनारक्षित टिकटों के बाल किराया नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है यानी 5-12 वर्षों के बच्चों के लिए अनारक्षित टिकट का किराया न्यूनतम दूरी शुल्क शर्त के साथ वयस्क किराए का आधा होगा।
पांच वर्ष के कम आयु के बच्चों से आरक्षित और अनारक्षित श्रेणियों में (बर्थ के बिना) कोई किराया नहीं वसूल किया जाएगा।