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फैमिली हैल्थ पर तकनीकी नजर - Sabguru News
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फैमिली हैल्थ पर तकनीकी नजर

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फैमिली हैल्थ पर तकनीकी नजर
Portrait of young woman using they smartwatch after running.

आज की मेट्रो जीवनशैली में फिट और हेल्दी रहना बहुत बड़ी समस्या है। यही वजह है कि सुस्त दिनचर्या के कारण कई बार गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन कि माने तो लगभग 20 प्रतिशत भारतीय ओवरवेट हैं। वजह है अनहैल्दी लिविंग, जिसमें न खाने का पता है और न ही एक्सरसाइज का।

लेकिन इसी हिस्से का दूसरा पार्ट यह भी है कि फिटनेस को लेकर लोगों में अब धीरें धीरें जागरूकता भी बढ़ रही है। यही वजह है कि रोज नए गैजेट्स, डिवाइसेस, या मोबाइल एप्लीकेशंस आ रहें है, जो हमें और परिवार को फिटर रहने में मदद करते है। जैसे कि इन दिनों वॉचेस, बैंड, डिजिटल पीडोमीटर जैसे तमाम डिवाइसेस फिटनेस फ्रीक्स के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। डाइट के स्तर पर भी सजगता बढ़ी है।

गूगल जैसी कंपनियां ऐसे सॉफ्टवेयर बनाने पर काम कर रही हैं, जो फूड फोटो देखकर ही कैलरी काउंट कर लेंगे।टेक्नोलॉजी ने हेल्थ और फिटनेस की नब्ज पर लगातार अपनी पकड़ मजबूत रखी है, लिहाजा रोज नए डिवाइसेस आ रहे हैं और स्मार्ट फोंस के फीचर्स में जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं। आम लोग भी मैराथन का हिस्सा बनने लगे हैं। छोटे शहरों में भी ऐसी गतिविधियां शुरू हो रही हैं।

डिजिटल पीडोमीटर, काउंट करता है कैलोरी

दौड़ने, जॉगिंग करने या एक्सरसाइज करते समय इसे कमर पर पहना जाता है। यह कैलरी काउंट करता है। आजकल कई जिम इस डिवाइस का प्रयोग कर रहे हैं। यह एक्सरसाइज की स्पीड बताता है, साथ ही कैलरी बर्न चार्ट देता है। यह बताता है कि शरीर को कितनी कैलरी की जरूरत है। इससे डाइट को संतुलित रखने में मदद मिलती है। लक्ष्य पूरा होने पर यह अलार्म भी करता है, ताकि व्यक्ति अपनी एक्सरसाइज रोक सके।

हार्ट रेट मॉनिटर, बताता है प्लस रेट

जैसा कि नाम से जाहिर है यह डिवाइस खासतौर पर कार्डियो एक्सरसाइज करने वालों के लिए फायदेमंद हैं। ब्रिस्क वॉक, ट्रेडमिल या जॉगिंग में इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। यह हार्ट और पल्स रेट बताता है और ब्लड प्रेशर पर भी अपनी पकड़ बनाए रखता है। इसे कलाई में पहना जाता है। यह हार्ट रेट के साथ ही वॉच का काम भी कर देता है। देखने में भी सुंदर लगता है।

फिटनेस ट्रैकर, पानी में भी करेगा काम

स्विमिंग जैसे व्यायाम के साथ आम डिवाइस काम नहीं कर सकते। मोबाइल फोन को पानी के अंदर ले जाना मुश्किल है। इसलिए कई कंपनियों ने विशेष रूप से फिटनेस ट्रैकर बनाए हैं, जो पानी के अंदर खराब नहीं होते। ये वॉटर प्रूफ होते हैं और तैरने से होने वाली कैलरी काउंट करने में भी मददगार हैं।

स्मार्ट फोन, रखिए हर पल पर नजर

हेल्थ और फिटनेस की दुनिया में स्मार्ट फोन बेहद पॉपुलर हो रहे हैं। इन्होंने पहले ही पोर्टेबल ट्रांजिस्टर्स, कैमरा, रेडियो जैसे डिवाइसेस को मार्केट से बाहर कर दिया है। अब फिटनेस की दुनिया में भी इनका एकछत्र साम्राज्य हो चुका है। स्मार्ट फोन के सेंसर्स न सिर्फ व्यक्ति के एक-एक कदम की गणना करते हैं, बल्कि दौड़ने, सीढ़ी चढ़ने तक हर एक कैलरी बर्न पर नजर रखते हैं।

उपयोगी होते मोबाइल एप्लीकेशंस

ऐसे तमाम मोबाइल एप्स आ रहे हैं, जो फिटनेस ट्यूटोरियल्स से लेकर लाइव एक्सरसाइजेस और योग के गुर सिखा रहे हैं। ये मोबाइल डेटा के आधार पर एक्टिविटीज की गणना करते हैं। इनकी खासियत यह है कि ये स्टार्टर्स के लिए भी उतने ही उपयोगी हैं, जितने सीरियस रनर्स के लिए। इनके जरिए रनिंग, जॉगिंग या वॉकिंग शुरू करने जैसे बुनियादी सवालों के भी जवाब पाए जा सकते हैं।

डाइट मीटर, रखें डाइट पर नजर

डाइट पर नियंत्रण न रखा जाए तो फिटनेस में बदलते देर नहीं लगती। मॉर्निंग वॉक या जॉगिंग के बाद गर्मागर्म आलू के पराठे खाने वाली आम भारतीय आबादी के लिए यह जरूरी है कि कोई उन्हें डाइट के लिए गाइडलाइंस दे। मार्केट में हर रोज ऐसे फिटनेस डिवाइस लॉन्च हो रहे हैं, जो सर्विंग साइज का भी जायजा लेंगे और बताएंगे कि कहां पर खाना रोक देना है। यूजर के लॉग इन करते ही ये एक-एक कौर की गणना करेंगे और बताएंगे कि क्या खाना ठीक है और क्या सेहत के लिए बुरा है।

ज्यादा न हो डिपेंडेंसी

आजकल फिटनेस गैजेट्स बेहद पॉपुलर हो रहे हैं और ये फायदेमंद भी हैं मगर इसके लिए अच्छे फिटनेस ट्रेनर्स और कोच का होना भी बेहद जरूरी है, जो लोगों को सही एक्सरसाइज करने के लिए प्रेरित कर सकें और उनका लक्ष्य हासिल करने में मदद दें। वैसे भी गैजेट्स की उपयोगिता एक सीमा तक ही ठीक है।