नई दिल्ली। फिल्मकार गुरिंदर चड्ढा का कहना है कि उन्हें पूरा यकीन है कि अगर महात्मा गांधी आज होते तो, उन्हें फिल्म ‘पार्टिशन-1947’ बहुत पसंद आती, क्योंकि यह उनके जीवन दर्शन से मेल खाती है। गुरिंदर ने इस फिल्म में उन हालात का खाका खींचा है, जो आगे चलकर भारत विभाजन का कारण बने।
भारतीय मूल की ब्रिटिश फिल्मकार गुरिंदर ने मुंबई से फोन पर कहा कि जब मैंने फिल्म खत्म की और इस पर नजर डाली तो मुझे अहसास हुआ कि यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे गांधीजी पसंद करते। यह पूरी तरह से गांधीजी के दर्शन पर है। वह (विभाजन के) उस समय तक पूरी तरह से किनारे लगा दिए गए थे।
यह फिल्म गुरिंदर के जीवन से भी करीब से जुड़ी हुई है, क्योंकि उनके परिवार को भी विभाजन के समय की त्रासदियों से गुजरना पड़ा था। फिल्म की कहानी विभाजन के समय की त्रासदियों को झेलने वाले लोगों और उनके जीवन में इससे आए बदलाव पर आधारित है।
गुरिंदर ने कहानी में ब्रिटिश पक्ष को भी जगह दी है और दिखाया है कि लार्ड माउंटबेटन ने कैसी भूमिका निभाई थी। उन्होंने फिल्म के लिए नरेंद्र सिंह सरिला की किताब ‘द शैडो आफ द ग्रेट गेम’ से मदद ली है।
इस फिल्म को बनाने की प्रक्रिया पर गुरिंदर ने कहा कि यह (फिल्म का बनाना) बहुत मुश्किल था। ऐसे भी मौके आए, जब मैं परेशान हो गई थी। ऐसे भी समय आए, जब मैंने सोचा कि मुझे नहीं लगता कि मैं यह फिल्म बना पाऊंगी। यह बहुत परेशान करने वाला था।
उन्होंने कहा कि जब-जब वह फिल्म बनाने से रुकती थीं, उसी दौरान उन्हें कुछ ऐसा मिल जाता था जो उन्हें काम को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता था। यह फिल्म भारत में 18 अगस्त को रिलीज होगी।