अजमेर। गणेश चतुर्थी पर अजमेर में पहली बार इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा के दर्शन होंगे। लोक कला संस्थान अजमेर द्वारा भगवान को पर्यावरण मित्र बताते हुए पुराने अखबारों के जरिए गणेश प्रतिमा को अंतिम रूप दिया गया है।
भगवान गणेश की यह प्रतिमा लगभग 6 फुट लंबी एवं 4 फुट चौड़ी है। संस्थान के संजय कुमार सेठी ने बताया कि जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में इको फ्रेंडली गणेश स्थापना की बात कही गई तभी से संस्था के सदस्यों ने कुछ अलग करने का निर्णय लिया। संस्था कोे गणेश प्रतिमा बनाने में यूनाइटेड अजमेर का सहयोग मिला है।
सेठी ने बताया कि संस्था सदस्य अल्का शर्मा, मुस्कान जैन, अर्चना रूमपाल, चांदनी जैन, मृदुला चौरसिया समेत गणेश प्रतिमा बनाने में 31 अगस्त से जुट गई थी।
गणेश प्रतिमा को मूर्त रुप देने 10 किलो अखबार रद्दी व 2 किलो मैदा की लेई का इस्तेमाल किया गया है। इस प्रतिमा में गुब्बारों के माध्यम से नवीन प्रयोग भी किया है जिसके जरिए प्रतिमा को अंदर से पूरा खोखला रखा गया है। इससे प्रतिमा के विसर्जन आसानी होगी।
प्रतिमा का श्रृंगार देसी रंगों, मांडना, वस्त्रो, कुंदन मोती गोटा आदि से किया गया है। रोजाना 12 घंटे की मेहनत कर संस्था सदस्यों ने प्रतिमा को पूर्ण रूप से तैयार कर दिया है। प्रतिमा की स्थापना मंगलवार को आनासागर चौपाटी के पास जे.टी पर की जाएगी।
एक फुट के गणेशा भी होंगे आकर्षण का केन्द्र
संस्था की ही एक कलाकार अलका शर्मा ने गोबर के जरिए एक फुट की गणेश प्रतिमा तैयार की है। इस प्रतिमा को विसर्जन के बाद खाद के रूप में वितरित किया जाएगा। प्रतिमाओं का निर्माण में शुद्धता एवं पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखा गया है।