जोधपुर। सरकार अगले दो माह में गंगा सफाई की विस्तृत कार्य योजना की घोषणा करेगी। केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को एक कार्यशाला के दौरान कहा कि यह योजना त्रि-आयामी होगी और इस योजना में गंगा की सफाई, सौन्दर्यीकरण और गंगा के अविरल प्रवाह पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में 30 अप्रेल से 15 मई के बीच की जाएगी।
गंगा कार्य योजना के तहत आबंटित राशि को पौराणिक सरस्वती नदी की खोज में लगाने संबंधी आरोपों का खंडन करते हुए भारती ने कहा कि गंगा सफाई के लिए आबंटित 20,000 करोड़ रुए का एक भी पैसा बर्बाद नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि गंगा सफाई का बजट केवल उसी उद्देश्य के लिए है और यह मियाद से बंधा नहीं है। इसे केवल नदी की सफाई में ही खर्च किया जाएगा। जब तक मैं गंगा की सफाई की किसी ठोस योजना से संतुष्ट नहीं होती हूं, इस पर आगे नहीं बढ़ूंगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस नदी के साफ और दूषित पानी की मात्रा का पता लगाने के लिए जल-अंकेक्षण करना चाहती थी।
उन्होंने कहा कि हमने सुनिश्चित किया है कि साफ पानी को उद्योगों, निर्माण अथवा खेती के लिए नहीं दिया जाएगा। इन क्षेत्रों को शोधित जल उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि साफ पानी का संरक्षण किया जाएगा और उसे पीने के लिए बचाया जाएगा। उन्होंने नाले और औद्योगिक अपशिष्टों द्वारा जल स्रोतों को दूषित नहीं करने संबंधी एक कानून बनाने के भी संकेत दिए।
इस वर्ष के बजट में सतत भूमिगत जल संसाधनों के लिए 6,000 करोड़ रुपए के आवंटन का संदर्भ देते हुए भारती ने कहा कि इस धन का उपयोग मुख्य
रूप से राजस्थान, हरियाणा, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार और झारांड के भूमिगत जल में आर्सेनिक की समस्या और इन राज्यों के भूमिगत जल की कमी से निबटने में किया जाएगा।