कानपुर। गंगा कितनी भी गंदी हो गई हो लेकिन आस्था में कोई कमी नहीं आई है। यही नहीं गंगा आस्था का वह प्रतीक है जिसमें सभी धर्माचार्य एक साथ एक मंच पर आ जाते हैं।
ऐसा ही नजारा उस समय देखने को मिला जब गंगा महाभिषेक हेतु चुनरी भेंट कार्यक्रम में कई धर्मों के धर्माचार्यों ने शिरकत की। महाभिषेक कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे स्वामी अरूणपुरी ने बताया कि गंगा दशहरा के पावन पर्व पर मां गंगा के महाभिषेक हेतु चुनरी भेट कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
रविवार को सुबह आठ बजे शहर के सभी धर्माचार्य सरसैया घाट पर एकत्र हुए। जिसके बाद ब्रह्मवर्त घाट से ड्योढ़ी घाट तक 51 हजार मीटर चुनरी से गंगा का महाभिषेक किया गया।
आल इण्डिया सुन्नी कौंसिल के अध्यक्ष हाजी मौ. सलीम ने कहा कि जो लोग असहिष्णुता की बात कर रहे हैं उन्हें भारत मां के पुत्र कहलाने का अधिकार नहीं है हम सब एक हैं। सभी धर्मों के धर्माचार्यों ने एक साथ कहा कि मां गंगा राष्ट्रीयता का प्रतीक है गंगा को बचाने के लिए सभी लोगों को एक साथ आना चाहिए।
महाभिषेक पर हिन्दू, मुस्लिम, जैन, ईसाई एवं बौद्ध धर्म धर्माचार्यां ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर चर्च एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह, राम चन्द्र जैन, विनोद गुप्ता, जिम्मी पटेल, स्वामी कृष्ण दास, महन्त स्वामी रमेश पुरी, अरूण पुरी, अमित श्रीवास्तव, संजय त्रिवेदी, मनोज गुप्ता, रामप्रकाश कुशवाहा आदि मौजूद रहें।