बीकानेर। श्रीगंगानगर जिले की खुली जेल के एक बंदी के पास 300 ग्राम अफीम सहित पकड़े जाने पर के आरोपी को एनडीपीएस एक्ट मामलों की विशेष अदालत ने शुक्रवार को तीन वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई तथा 30 हजार का अर्थदण्ड लगाया।
अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर इस बंदी को तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह शख्स, पूर्व में पांच किलो स्मैक सहित पकडे जाने पर दस वर्ष कारावास की सजा भुगत रहा था।
प्रकरण के अनुसार लालगढ़ जाटान थाना के तत्कालीन कार्यवाहक प्रभारी सब इंस्पेक्टर रामप्रताप ने श्रीगंगानगर-सूरतगढ रोड मेगा हाइवे पर गणेशगढ़ पुलिस चौकी के पास 21 अप्रेल 2016 को भंवरसिंह पुत्र दूलेसिंह राजपूत निवासी बादरी, जिला राजगढ़ (मध्यप्रदेश) को 300 ग्राम अफीम सहित गिरफ्तार किया था।
भंवरसिंह उन दिनों श्रीगंगानगर जिला कारागृह के अधीन नरसिंहपुरा-मांझूवास गांव में स्थित एक गौशाला में चल रही खुली जेल में सजा काट रहा था। इसी दौरान वह अफीम ले जाते हुए पुलिस के हत्थे चढ गया था।
पूछताछ में भंवरसिंह ने यह अफीम मंदसौर, मध्यप्रदेश से एक महिला द्वारा लाकर उसे देना बताया था, लेकिन इस महिला को पुलिस पकड़ नहीं पाई थी। तफ्तीश के बाद पुलिस ने भंवरसिंह के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा के तहत कोर्ट में चालान पेश कर दिया।
एनडीपीएस एक्ट मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश चंचल कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को उसे दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। इस कोर्ट में विशेष लोक अभियोजक केवलकुमार अग्रवाल ने बताया कि न्यायाधीश ने भंवरसिंह को तीन वर्ष कठोर कारवास की सजा और 30 हजार का अर्थदण्ड लगाया है।
अर्थदण्ड नहीं देने पर उसे तीन माह की सजा और भुगतनी होगी। भंवरसिंह वर्ष 2006 में कोटा में पांच किलो स्मैक सहित पकड़ा गया था। तब उसे अदालत ने 10 वर्ष की सजा सुनाई थी।
जेल में अच्छे आचरण के कारण उसे शेष बची हुई सजा भुगतने के लिए दिसम्बर 2015 में खुली जेल में भेजा गया था। खुली जेल में आने के बाद भंवरसिंह ने फिर से मादक पदार्थों के तस्करों के साथ सम्बंध कायम कर लिए थे। वह मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री करने लगा था।