अजमेर। सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव दीपक उप्रेती ने सोमवार को अजमेर में गैंगेस्टर आनंदपाल सिंह फरारी प्रकरण में जांच शुरू कर दी है। उप्रेती सोमवार को प्रात: 11.30 बजे अजमेर आए और करीब 2..30 बजे तक प्रकरण से संबंधित जानकारी ली।
इस अवसर पर उनके साथ संभागीय आयुक्त डॉ. धर्मेन्द्र भटनागर, पुलिस महानिरीक्षक मालिनी अग्रवाल, जिला कलक्टर डॉ. आरूषी मलिक, पुलिस अधीक्षक विकास कुमार आदि उपस्थित थे। जानकारी के अनुसार उप्रेती अब कुछ दिनों के लिए अजमेर में ही कैंप करेंगे। वे यहां प्रकरण से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जांच करेंगे।
सोमवार को उप्रेती ने आला पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से अब तक की जांच व आगे की कार्यवाही के विषय में चर्चा की। गौरतलब है कि विगत दिनों राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया और पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने अजमेर पहुंच कर हाई सिक्योरिटी जेल का मुआयना करने के बाद महसूस किया था कि इस मामले में पुलिस से गंभीर चूक हुई है।
गृहमंत्री ने मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों एवं चालानी गार्ड आदि की मिली भगत से भी इंकार नहीं किया था। इसी दौरान यह भी घोषणा की गई थी कि इस प्रकरण में किसी आला अधिकारी से कमिशनरेट जांच कराई जाए।
अजमेर में पुलिस कमिशनर की पोस्ट नहीं होने के कारण प्रकरण पर कमिशनरेट नियुक्त किए जाने के बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा कर नाम तय किया जाना निश्चित किया गया था। तभी यह नाम भी सामने आया था कि प्रमुख शासन सचिव दीप उप्रेती को इसकी जांच सौंपी जा सकती है।
उप्रेती अजमेर में डीसी रह चुके हैं साथ ही उनका यहां अच्छा प्रभाव व सम्पर्क भी है। पूर्व में गुर्जर आरक्षण आन्दोलन के दौरान भी उप्रेती ने अहम भूमिका निभाई थी। उल्लेखनीय है कि उप्रेती चार दिवस में सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।
इस रिपोर्ट में जिन मुख्य बातों को शामिल किया जाएगा उसमें यह कि आनन्द पाल की फरारी में पुलिसिंग स्तर पर किस तरह की भूल-चूक हुई है उसमें भविष्य में सुधार के लिए क्या किया जा सकता है। दूसरा यह कि इस मामले में यदि मिलीभगत है तो वह किस स्तर की है। साथ ही भविष्य में ऐसे अपराधियों के लिए किस तरह की नीति का पालन किया जाए।
हाई सिक्योरिटी जेल में सुरक्षा व्यवस्था सुधार के लिए क्या गुंजाइश है। आदि अन्य पहलुओं पर उप्रेती जांच पर फोकस कर सकते हैं। फिलहाल वे एक दिन के लिए फिर से दिल्ली रवाना हो गए है। लौट कर वे जांच को आगे बढ़ाएंगे।