सीकर। राजस्थान पुलिस के लिए चुनौती बने गैंगस्टर आनंदपाल गिरोह की गुरूवार-शुक्रवार की रात आनंदपाल के गांव नागौर जिले के सांवराद में पुलिस अधिकारी पर जानलेवा हमला करने की वारदात ने शेखावाटी में हलचल मचा दी है।
पुलिस अधिकारी की हत्या कर गत सितम्बर माह से फरार आनंदपाल को हिरासत में लेने के लिए उसके गिरोह को तहस नहस करने के लिए विभिन्न जिलों की पुलिस ने अब तक करीब एक दर्जन अपराधियों को हिरासत में लेकर जेल में बंद कर दिया है।
पुलिस की सजग सक्रियता के बावजूद 21 जुलाई की मध्यरात्रि के बाद जसवंतगढ़ पुलिस थानाधिकारी लादूसिंह शेखावत पर आनंदपाल सिंह के गांव में हुए जान लेवा हमले की वारदात ने शेखावाटी में चिंताजनक माहौल उत्पन्न कर दिया है।
पुलिस जहां फरार चल रहे आनंदपाल व उसके भाई सुरेन्द्र पाल उफ रिक्की सहित अन्य की तलाश में पूरा दमखम लगा कर जुटी हुई है वहीं दूसरी और आनंदपाल के प्रतिद्वंदी गिरोह के लोग सकते में आकर छिपने को मजबूर हो गए है।
एक माह पहले हो चुकी है किरकिरी
करीब एक माह पूर्व पिता की बरसी पर अपने गांव सांवराद आने की सूचना पर पूरे गांव की नाकाबंदी एवं कई स्थानों पर छापेमारी करने के बाद सूचना मात्र अफवाह साबित होने पर पुलिस की किरकिरी हुई थी। इसके बाद ठोस जानकारी मिलने पर पता चला कि आनंदपाल के पिता की बरसी अगस्त माह में है। इस पर पुलिस ने विशेष चौकसी व नाकाबंदी कर अपने सूचना तंत्र को मजबूत किया।
इस सारी कवायद के बावजूद गुरूवार की रात थानाधिकारी पर हुए हमले की जधन्य वारदात के बाद आनंदपाल की हिटलिस्ट में माने जाने वाले गिरोह के सरगना दहशत में आ गए हैं और अपने बचाव के ठिकाने पंहुचकर अपने गुर्गो को सावधान कर दिया है। आमजन में अपनी खोल से बाहर आए आनंदपाल की ओर से गैंगवार करने की आशंका जताई जा रही है।
ठिकानों पर छापे
उल्लेखनीय है कि सीकर में आनंदपाल गिरोह के बलबीर बानूड़ा, महिला डॉन अनुराधा चौधरी, विजयपाल सहित अन्य की सूचना एकत्र कर शनिवार को सीकर, चुरू, जयपुर, नागौर, एसओजी पुलिस आदि के दस्तों ने दो दर्जन से अधिक फार्म हाउसों व अन्य ठिकानों पर छापे मारे लेकिन समाचार लिखे जाने तक थानाधिकारी पर जानलेवा हमला करने में कथित रूप से शामिल आनंदपाल व उसके साथियों का कोई सुराग नही लगा है।
पुलिस के खाली हाथ ने आनंदपाल के प्रतिद्वंदी गिरोह के लोगों को दहशत में ला दिया है। राजस्थान पुलिस के लिए अपराध का पर्याय बने आनंदपाल के हिरासत में नहीं आने से आमजन में पुलिस की कार्यशैली पर अविश्वास पनप रहा है।
अलबत्ता पुलिस ने आरोपियों पर दबाव बनाने के लिए उसके गांव की किलेबंदी करने के साथ साथ संदिग्ध लागों को हिरासत में लेने तथा किसी भी सूचना पर त्वरित कार्यवाही करने की सक्रीयता दिखा रही है।