मुंबई। मुंबई शहर के कुख्यात डॉन रहे अखिल भारतीय सेना के अध्यक्ष अरुण गवली को उच्च न्यायालय की नागपुर बेंच ने 15 दिन का पेरोल मंजूर किया है। इसके फलस्वरुप गवली 21 नवंबर को जेल से मुंबई स्थित दगड़ी चाल में आने वाले हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मुंबई शहर में नब्बे के दशक में दाऊद इब्राहिम, अरुण गवली, छोटा राजन व अमर नाईक गिरोह का बोलबाला था।
दाऊद मुंबई में बम विस्फोट के बाद मुंबई से फरार हो गया, छोटा राजन भी उसी समय फरार हुआ था और उसे फिर से गिरफ्तार किया गया है और इस समय तिहाड़ जेल में है। अमर नाईक गैंगवार की भेंट चढ़ गया।
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अरुण गवली इस समय शिवसेना नगरसेवक जामसंडेकर की हत्या के मामले में जेल में सजा भुगत रहे हैं। अरुण गवली राज्य में विधानसभा का चुनाव अखिल भारतीय पार्टी के टिकट पर लड़ कर विधायक बन चुके हैं।
बतादें कि अरुण गवली की पत्नी आयशा गवली का ऑपरेशन 25 नवंबर को होने वाला है। इसलिए गवली ने पेरोल के लिए आवेदन किया था। जेल प्रशासन ने गवली की मांग को ठुकरा दिया था, इसलिए गवली की ओर से उच्च न्यायालय में पेरोल के लिए याचिका दायर की गई।
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गवली की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की गई और उन्हें 15 दिन का पेरोल मंजूर किया गया है। उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अरुण गवली को दो नवंबर को फिर से जेल में दाखिल होना पड़ेगा।