पाली। पाली जिले का खुटाणी गांव अभी भी राजस्थानी गेर नृत्य परंपरा को जीवंत रखे हुए है। बीते तीन दशक से इस गांव खुटाणी में खेतलाजी मेले का आयोजन हो रहा है। मेले में मारवाड़ के प्रमुख गेर दल भाग लेने आते हैं।
इस बार भी तीस से ज्यादा दलों ने गेर नृत्य और बारह लूर नृत्य की प्रस्तुति देकर मेले में आए आगन्तुकों का मन मोह लिया। संयोजक ओमप्रकाश वैष्णव ने वताया कि गांव में पिछले कई वर्षों से खुटाणी खेतलाजी मेले के अवसर पर गेर व लूर नृत्य का आयोजन किया जाता है।
इसमें जिले भर से एवं जालोर सिरोही जिले के भी कलाकार भाग लेते हैं। गांव के भामाशह मेले के खर्च उठाते हैं। इस मेले में पूरा गांव तन मन धन से सहयोग करता है एवं सभी जाति के लोग भाग लेते हैं।
1981 से खुटाणी गेर नृत्य की शुरुआत
1981 में सरपंच मेवाराम वैष्णव ने खुटााणी खेतलाजी महाराज मेले में गेर नृत्य का आयोजन पहली बार करवाया था, उस समय से आज तक गांव गेर नृत्य पंरपरा चली आ रही है। प्रतिवर्ष मेले में गेर दलों की संख्या बढ़ जाती हैं साथ ही मेले आने वाले महिला पुरुष भी गेर का आनंद लेते है साथ गेर नृत्य से मेले में चार चांद लग जाते हैं।
इस बार मेले में प्रथम स्थान पर गेर बाला जालोर, द्वितीय उमड़लाई बाडमेर एवं तृतीय बिजली जालोर की गेर रही। सभी गेर नर्तकों का सम्मान किया गया।
मेले में निम्न गेरों ने भाग लिया
खुटाणी, माण्डावास, मुरडिया, फेंकारिया, लाम्बड़ा, चेण्डा, वायद, गेलावास, कोटड़ी, धुन्धड़ा, वाडा, दिवांदी, सतलाना, कनियाली, रामा, सरवडी, कमोका, पांचपदरिया सहित तीस गेरों ने भाग लिया।
इस अवसर पर विधायक ज्ञानचंद पारख, सभापति नगर परिषद पाली महेन्द्र बोहरा, पूर्व सभापति प्रदीप हिंगड़, एसडीएम रोहट जब्बरसिंह, प्रधान रोहट रश्मि सिंह, पूर्व सरपंच सिद्धार्थ सिंह, कुंवर अभिजीत सिंह रोहटगढ़ आदि उपस्थित थे।
मेला आयोजक धीरेन्द्र वैष्णव, भीमाराम पटेल, नारायण सिंह राजपुरोहित, भुराराम भील, घेवरराम मेघवाल, भीमाराम देवासी, गिगाराम पटेल, कानाराम भील, बाबूलाल श्रीमाली, बाबूलाल विष्नोई, पप्पूसिंह राजपुरोहित आदि थे।