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विधि छात्रा की हत्या : पुलिसिया कहानी गलत! - Sabguru News
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विधि छात्रा की हत्या : पुलिसिया कहानी गलत!

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विधि छात्रा की हत्या : पुलिसिया कहानी गलत!
gauri's parents question police account of their daughter's murder
gauri's parents question police account of their daughter's murder
gauri’s parents question police account of their daughter’s murder

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के पीजीआई क्षेत्र में विधि छात्रा की टुकडे- टुकडे कर हत्या करने की दिल दहला देने वाली घटना के खुलासे की पुलिस थ्योरी को पीडित परिजनों ने पूरी तरह गलत ठहराते हुए इस मामले की जांच किसी दूसरी एजेन्सी से कराने की मांग की है।

छात्रा के पिता शिशिर श्रीवास्तव ने बुधवार को पुलिसिया कहानी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिस आरी से शव काटे जाने का दावा पुलिस कर रही है उससे मानव हड्डी कटने का सवाल ही नहीं उठता।

gauri's parents question police account of their daughter's murder

बेटी की हत्या से आहत श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे नहीं पता कि पुलिस किस तरह छानबीन कर रही है लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि जिस आरी से शव काटे जाने का दावा किया जा रहा है उससे हड्डी कट नहीं सकती। मैं भी फर्निशिंग का काम करता हूं। इसलिए मुझे औजारों के बारे में जानकारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस आरी को लेकर आश्वस्त है, लेकिन वह और उनका पूरा परिवार इस कहानी पर विश्वास नहीं कर सकता। श्रीवास्तव ने कहा कि जिन कपड़ों को पुलिस उनकी बेटी के होने को बता रही है उसके रंग बेटी के कपड़ों से मेल नहीं खाते। पुलिस की हर कहानी में संशय है।

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श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस की इस थ्योरी से न्यायालय में उन्हें न्याय मिल ही नहीं सकता। हत्यारे बरी हो जाएंगे। हत्यारों को फांसी के तख्त तक पहुंचाने के लिए जांच एजेन्सी बदलनी ही पडेगी। पुलिस ने तो अपनी थ्योरी बता दी। यह थ्योरी न्यायालय में ठहर ही नहीं पाएगी। उन्होंने कहा कि बेटी को न्याय दिलाने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशस्वी यादव से भावुक सवाल किया कि वह भी एक बेटी के पिता हैं। उन्हें अपनी बेटी से स्नेह भी होगा। उन्हें मेरी बेटी को अपनी बेटी समझकर मुझे न्याय दिलाने का प्रयास करना चाहिए।

दूसरी ओर.पीजीआई क्षेत्र के एक हार्डवेयर दुकानदार ने भी आठ फरवरी को दो सिपाहियों द्वारा 50 रूपए में आरी खरीदने का दावा कर पुलिस के खुलासे को गलत ठहरा दिया। इस दुकानदार का कहना है कि दो पुलिसकर्मियों ने उसकी दुकान से रविवार को आरी खरीदी थी। उसने कहा कि इस आरी से किसी का शरीर काटा ही नहीं जा सकता। लकड़ी काटने वाले इसे लेने के बाद पहले आरी में धार लगवाते हैं तब लकड़ी काटते हैं।

इस बीच सूत्रों ने बताया कि दुकानदार के इस बयान के बाद पुलिसकर्मी उसे अपने साथ ले गए, पुलिस ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की है। दुकानदार के घर वालों ने कहा कि पुलिस उन्हें ले गई है। उन्हें डर है कि कहीं दुकानदार को भी पुलिस किसी मामले में न फंसा दे। गौरतलब है कि डॉ.भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय की एक छात्रा गत एक फरवरी को अपने घर से लापता हुई थी।

दूसरे दिन पीजीआई क्षेत्र में उसका शव टुकड़ों में मिला था। आठ फरवरी को पुलिस महानिदेशक एके जैन ने प्रेस कान्फ्रेन्स में हत्याकांड का खुलासा किया था। जैन ने दो युवकों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से शव को काटने में प्रयोग की गई आरी भी बरामद होने का दावा किया था। हत्या का कारण प्यार में धोखा बताया गया था।