सबगुरु न्यूज-सिरोही। माउण्ट आबू में यात्री कर की जगह हाइवे की तर्ज पर टोल वसूला जाएगा। इस टोल की जद से पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय नागरिक भी नहीं बचेंगे। जिनके पास अपने वाहन नहीं है उन्हें रोडवेज और टैक्सी के माध्यम से इसकी भरपाई करनी होगी। जो बच जाएंगे उन्हें परिवहन वाहनों से वसूले जाने वाले टोल से सामग्रियों के दामों में होने वाली बढोतरी से प्रभावित होना पडेगा।
भाजपा बोर्ड के निर्णय के बाद इसके लिए 5 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर दी गई है, इसका प्रकाशन 10 अक्टूबर को कर दिया गया है। यह अधिसूचना 10 अक्टूबर की रात्रि से ही लागू हो गया है। उपखण्ड अधिकारी एवं माउण्ट आबू नगर पालिका आयुक्त अरविंद पोसवाल ने सोशल मीडिया पर इस गजट को प्रसारित कर दिया है।
-इसमें दिए यह कारण
जैसा कि पूर्व में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष नारयण सिंह और पार्षद सुनील आचार्य ने यह बताया था कि बोर्ड की बैठक में यहां प्रस्ताव इसलिए रखा गया था कि यात्री कर नाके पर कर की चोरी होती है। इसके उलट गजट नोटिफिकेशन में इसके पीछे जो कारण बताए गए हैं वह अलग हैं। नोटिफिकेशन के अनुसार यह व्यवस्था यात्रियों को ट्राफिक जाम की असुविधा से बचाने और नाके को कम्प्यूटराइज्ड करने के लिए की गई है।
इसमें टोल की चोरी होने का कोई कारण नहीं दिया गया है। नोटिफिकेशन की इबारत यही बता रही है कि टोली चोरी के नाम पर या तो नगर पालिका माउण्ट आबू के पार्षदों ने स्थानीय लोगों को भ्रमित किया है या फिर इस भाषा को बदल पार्षदों का भ्रमित किया जा रहा है।
-जाता कहा था यात्रीकर का पैसा
माउण्ट आबू में प्रतिवर्ष अनुमानित बीस लाख पर्यटक आते हैं। यह आधिकारिक आंकडा है ऐसे में इसकी राशि चोरी होने का सवाल नहीं उठता। ऐसे में इस राशि को दस से गुणा करें तो यह राशि दो करोड रुपये होती है। इसमें से यदि पचास प्रतिशत वन विभाग को भी दिया जाता है तो फिर भी एक करोड रुपये की राशि नगर पालिका के पास ही रहती है।
ऐसे में इस राशि का उपयोग अब तक क्या होता था, यह भी एक यक्ष प्रश्न है। क्या सालाना एक करोड रुपये में माउण्ट आबू के एक टोल नाके को कम्प्यूटराइज्ड नहीं किया जा सकता था।
-रोडवेज ने कह दिया लेंगे पैसा
गजट नोटिफिकेशन के अनुसार माउण्ट आबू में आने वाली रोडवेज बसों से भी यह टोल वसूला जाएगा। प्रत्येक रोडवेज बस से सौ रुपये वसूला जाएगा। रोडवेज सिरोही डिपो के मैनेजर एसएल मीणा ने सबगुरु न्यूज को बताया कि सिरेही डिपो की दो-तीन बसें माउण्ट आबू जाती हैं।यदि यात्री कर नाके पर यात्री कर की जगह वाहन टोल लिया जाता है तो रोडवेज टिकिट की दर में इस टोल की राशि भी जोडेगी।
-विद्यार्थी और स्थानीय लोगों पर सीधा प्रभार
नगर पालिका के पार्षद भले ही इसे यात्रियों पर टोल बता रहे हों, लेकिन अधिकतर स्थानीय लोग वर्षभर माउण्ट आबू से आबूरोड और आबूरोड से माउण्ट आबू आने के लिए रोडवेज बसों का ही इस्तेमाल करते हैं। इनमें सबसे ज्यादा विद्यार्थी हैं। इससे उनके और माउण्ट आबू के अन्य स्थानीय निवासियों के मासिक पास और टिकिट की राशि भी बढेगी।
-आबूरोड वालों को महंगा पडेगा माउण्ट गाडी ले जाना
आबूरोड समेत सिरोही जिले के लोगों को अब माउण्ट आबू में दो पहिया, तीन पहिया और चार पहिया वाहन ले जाना महंगा पडेगा। यदि एक व्यक्ति कार लेकर माउण्ट आबू जाता है तो उसे दस की जगह सौ रुपये देने होंगे। वहीं यदि एसयूवी ले जाता है तो उसे एक व्यक्ति बैठा होने पर भी 200 रुपये देने पड सकते हैं।
-इनको मिलेगी छूट
इस टोल से कुछ लोगों को छूट दी गई है। राजकीय वाहन, भारतीय सेना के समस्त वाहन, सीआरपीएफ और पेरामिलट्री फोर्सेज के वाहन, स्थानीय खाली टैक्सी व निजी स्थानीय वाहन, एम्बुलेंस व शव वाहन, स्थानीय विवाह के लिए एवं मृत्यु के लिए वाहन का उपयोग व रघुनाथ मंदिर पाटोत्सव मेला कार्यक्रम के तीन दिन के दौरान आने वाले वाहन।
जैसे की इस टोल में सहमति जताने वाले पार्षद बता रहे थे कि स्थानीय माल वाहक वाहनों को भी इससे मुक्त रखा जाएगा, वैसा गजट में नहीं दिया गया है। क्योकि गजट में खाली टैक्सी और निजी स्थानीय वाहनों को छूट का जिक्र है, न कि निजी परिवहन वाहनों का। ऐसे में वहां पर पैट्रोल, सब्जियां, दूध व अन्य खाद्य सामग्री भी अब तक मिल रहे दामों से ज्यादा दामों में मिलेगी।
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