वाराणसी। देश के आर्थिक विकास दर को लेकर एसबीआई, नोमुरा और बैंक आफ अमेरिका मेरिल लिंच के आरोप को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सिरे से नकार दिया है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद देश की आर्थिक व्यवस्था की गिनती दुनिया के तेज अर्थव्यवस्था वाले देशों में होने लगी है। नोटबंदी से देश की जैसा लोग उम्मीद कर रहे थे की अर्थव्यवस्था की रफ्तार थम जाएगी या दर कम हो जाएगा। ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
उक्त बातें देश की अर्थव्यवस्था और सात फीसदी विकास दर पर उठ रहे विदेशी एजेंसियो के सवाल के जवाब में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कही। उन्होंने कहा कि अमरीकन एजेन्सी ने सरकार के आंकड़ों पर जो सवाल उठाया है वह पूरी तरह गलत है।
उन्होंने कहा कि कई जगहों पर इन एजेंसियो की जांच सही भी होती है लेकिन यहां उनका आकलन गलत है। दरअसल कांग्रेस और कुछ दलों को नोटबंदी के बाद उम्मीद थी कि देश का आर्थिक विकास दर दो फीसदी हो जाएगा। लेकिन जब उनकी उम्मीद पुरी नही हुई तो इस तरह के आरोप लग रहे हैं।
बतादें कि जीडीपी को लेकर केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) की तरफ से जो आंकड़े दिए गए हैं। उस पर एकसाथ कई विदेशी कम्पनियां आरोप है कि कांग्रेस और विरोधी दलो के इशारे पर सवाल उठा रही है। इसमें जापान की वित्तिय सलाहकार कम्पनी नोमुरा भी शामिल है।
उसने भारतीय आर्थिक विकास दर सात फीसदी होने को काल्पनिक बताया है। वित्तमंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से इसके लिए वार्ता में कांग्रेस की ओर संकेत भी दिया है। वित्त मंत्री घौसाबाद स्थित भाजपा के मीडिया सेन्टर में पत्र-प्रतिनिधियों से बातचीत के लिए आए थे।