इस्लामाबाद/नई दिल्ली। गलती से एक दशक से भी अधिक समय पहले सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान में रह रही मूक बधिर भारतीय महिला गीता जल्द ही घर लौटेगी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को नई दिल्ली में बताया कि गीता जल्द ही स्वदेश लौटेगी। हमने उसके परिवार का पता लगा लिया है।
उसे डीएनए जांच के बाद ही अपने परिवार को सौंपा जाएगा। 23 साल की गीता को ईदी फाउंडशेन की बिलकीस ईदी ने गोद लिया था और वह कराची में उसके साथ रहती है।
ईदी फाउंडेशन के प्रवक्ता अनवर काजमी ने इस बात की पुष्टि की है कि पाकिस्तान में 10 साल से अधिक समय से रह रही यह भारतीय महिला अपने परिवार से मिलने वाली है।
सूत्रों के मुताबिक गीता ने अपने पिता, सातैली मां और सगे भाई बहनों को एक तस्वीर से पहचाना है जो इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने उसे भेजा था।
उसका परिवार कथित तौर पर बिहार में रहता है। गीता कथित तौर पर सात-आठ साल की थी जब उसे 15 साल पहले पाकिस्तान रेंजर्स ने लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेले बैठा हुआ पाया था।
पुलिस उसे लाहौर के ईदी फाउंडेशन में ले गई और बाद में उसे कराची ले जाया गया। पाकिस्तान में नियुक्त भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन और उनकी पत्नी ने गीता से अगस्त में मुलाकात की थी।
उसके पहले विदेश मंत्री ने उन्हें उससे मिलने और उसके परिवार का पता लगाने का निर्देश दिया था। विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान गीता की वापसी में सहयोग करेगा।