जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कलक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन शुक्रवार को नवाचारों पर आधारित सत्र को संबोधित करते हुए फिर से जिलों में प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी कलक्टर और पुलिस अधीक्षकों को कहा कि वह जनता को बेहतर डिलीवरी देवें। वैसे यह बात अलग है कि ढाई साल में सभी 33 जिलों में निम्नतर पब्लिक सर्विस डिलीवरी से लोग अब सरकार की कार्यप्रणाली से मायूस हो चले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए मोबाइल एवं वेब प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही, इनके उपयोग से स्वच्छता, सौन्दर्यन, जल संरक्षण, वृक्षारोपण जैसे अभियानों में सामुदायिक भागीदारी भी बढ़ाई जा सकती है।
उन्होंने अजमेर जिले में शुरू किए गए अजमेर-पुष्कर टूरिज्म मोबाइल एप ‘लेज्गो‘ (र्स्महव!), रोड सेटी पर चित्तौड़गढ़ में शुरू किए गए मोबाइल एप ‘हमसफर‘, उदयपुर में ‘एक्शन उदयपुर‘ वेब एप्लीकेशन सहित विभिन्न जिलों में किए जा रहे सूचना प्रौद्योगिकी नवाचारों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलक्टरों से कहा कि वे अपनी कार्यशैली में आईटी पर आधारित नवाचारों का समावेश करें। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे नवाचारों के जरिए आमजन के चेहरे पर मुस्कान लाई जा सकती है।
-मिशन मोड में करें काम तो बचेगी 33 सौ करोड़ की बिजली
मुख्यमंत्री राजे ने सभी जिला कलक्टरों को अपने जिलों में बिजली छीजत में कमी लाने का टास्क देते हुए कहा कि हम सभी इस दिशा में अजमेर जिले के कामयाब बिठूर मॉडल का अनुसरण करते हुए मिशन मोड पर काम करेंगे तो हर जिला 100 करोड़ रूपये की बचत कर सकता है।
यदि सभी जिला कलक्टर अपने जिलों में जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता के सहयोग से बिजली छीजत को 15 प्रतिशत के नीचे लाने के इस महाभियान में योगदान देंगे तो पूरे राजस्थान में 3300 करोड़ रूपए की बिजली छीजत रूकेगी, जिसका लाभ पूरे प्रदेशवासियों को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बिठूर गांव के लोगों ने छीजत को 47 प्रतिशत से 21 प्रतिशत तक लाने में सफलता हासिल की है। आज इस गांव के लोगों को बिना ट्रिपिंग के बिजली मिल रही है। हमें इसी मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करना है।
-एमजेएसए की तरह एमवीएसए को आगे बढ़ाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में विकास की तस्वीर बदलने के लिए मुख्यमंत्री विद्युत सुधार अभियान को मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान (एमजेएसए) की तरह ही आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी प्रभारी मंत्री व विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में एक-एक फीडर चुनकर छीजत रोकने में सहभागी बनें। उन्होंने नगरीय क्षेत्रों में बिजली की बचत के लिए एलईडी लाइट्स लगाने के काम में भी तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक 6 माह में किस जिले में छीजत में कितनी कमी आई है, इसकी समीक्षा की जाएगी तथा इस आधार पर कलक्टरों की रैंकिंग निर्धारित की जाएगी।
-सोलर ऊर्जा लैंप प्रोजेक्ट को दें बढ़ावा
सीएम राजे ने डूंगरपुर एवं अन्य जिलों में चल रहे सोलर ऊर्जा लैंप प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के अन्य आदिवासी बहुल ब्लॉकों में इस प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इससे महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार मिलेगा तथा सौर ऊर्जा के उपयोग में बढ़ोतरी भी होगी। डूंगरपुर जिले में 40 हजार परिवार सोलर ऊर्जा लैंप का लाभ उठा रहे हैं तथा महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 150 महिलाओं को इससे रोजगार मिला है।
-सरकारी स्कूलों के कायाकल्प में लें भामाशाहों की मदद
मुख्यमंत्री ने जिला कलक्टरों से कहा कि वे सरकारी स्कूलों के कायाकल्प में भामाशाहों की मदद लें। इससे स्थानीय लोगों का शिक्षा के प्रति जुड़ाव भी बढ़ेगा। उन्होंने अलवर जिले के सरकारी स्कूलों में आधारभूत ढांचे के विकास तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए भामाशाहों के सहयोग से चलाए जा रहे ‘प्रोजेक्ट एकता‘ तथा ‘प्रोजेक्ट उन्नयन‘ की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के प्रयासों से शिक्षा को संबल मिलता है।
-गायों की रक्षा के लिए रोकें पॉलिथीन का इस्तेमाल
राजे ने पॉलिथीन बैग्स की रोकथाम के लिए लोगों में जागृति लाने के लिए कलक्टर्स को विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बारे में जागरूक करना होगा कि पॉलिथीन के माध्यम से जो विषैले तत्व खाद्य पदार्थों में मिल जाते हैं वे कैंसर जैसे घातक रोगों का कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों पर कचरे में फेंकी गई पॉलिथीन गायों के लिए जानलेवा बन जाती है।
ऐसे में हमें गायों की रक्षा के लिए पॉलिथीन के इस्तेमाल पर रोक लगानी होगी। मुख्यमंत्री ने नागौर जिले के लाडनूं शहर को पॉलिथीन मुक्त बनाने पर प्रसन्नता जाहिर की। मुख्यमंत्री ने प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के बारे में एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि रोड सरफेसिंग, री-साइक्लिंग, प्लास्टिक ऑयल आदि बनाकर पॉलिथीन का निस्तारण किया जा सकता है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान से बचाया जा सकेगा बल्कि रोजगार का भी सृजन होगा।
राजे ने राजसमन्द जिले में पौधारोपण, कन्या उपवन, पॉली हाउस फार्मिंग एवं एलोवीरा उत्पादन के माध्यम से आजीविका बढ़ाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने निर्देश दिए कि जिलों में कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों से रूबरू कराने के लिए किसानों के टूर्स आयोजित किए जाएं।
अजमेर कलक्टर गौरव गोयल, अलवर कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल, चूरू कलक्टर ललित कुमार गुप्ता, डूंगरपुर कलक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी, झालावाड़ कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, नागौर कलक्टर राजन विशाल, राजसमन्द कलक्टर श्रीमती अर्चना सिंह एवं उदयपुर कलक्टर रोहित गुप्ता ने अपने जिलों में किए गए नवाचारों के बारे में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अवगत कराया।