बर्लिन। जर्मनी के दूरसंचार नियामक कंपनी ने निजता को लेकर चिंता के मद्देनजर बच्चों के स्मार्टवाच (स्मार्ट घड़ियों) पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है और अगर ये घड़ियां पहले खरीद ली गई हैं, तो उन्हें माता-पिता से नष्ट करने की गुजारिश की है।
बीबीसी ने शुक्रवार देर शाम फेडरल नेटवर्क एजेंसी के अध्यक्ष जोकेन होमन के हवाले से बताया कि एक एप के जरिए माता-पिता ऐसे बच्चों की घड़ियों का इस्तेमाल उनके आसपास के माहौल की गौर-नहीं की गई चीजों को सुनने के लिए कर सकते हैं और उन्हें एक अनाधिकृत संचार प्रणाली के रूप में माना जाना चाहिए।
एक बयान में नियामक ने कहा कि यह पहले ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ऐसे स्मार्टवाच का ऑफर देने वाली कई कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। ये स्मार्टवाच जर्मनी में बड़ी संख्या में विक्रेताओं द्वारा बेचे जाते हैं।
ये मुख्य रूप से पांच साल से 12 साल के बीच की उम्र वाले बच्चों के लिए है, जो सिम कार्ड और सीमित टेलीफोनी फंक्शन से लैस हैं और एक एप के जरिए नियंत्रित किए जा सकते हैं।
इसी तरह का कदम उठाते हुए यूरोपीय निगरानी समूह, नार्वेजियन कंज्यूमर काउंसिल ने भी जीपीएस-क्षमता से लैस डिवाइसों के मद्देनजर सुरक्षा चिंताओं को लेकर एक चेतावनी भरी रिपोर्ट जारी की है। एजेंसी ने विशेष रूप से बच्चों के चार स्मार्टवाच ब्रांड गैटोर-2, टिनिटेल, फिक्सफ्यूड और एक्सप्लोरा का उल्लेख किया है।