हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां उद्यमियों के तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मंगलवार को उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि वे भारत में निवेश के अनुकूल माहौल का फायदा उठाएं।
जबकि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका ने कहा कि कई विकासशील और विकसित देशों में अभी महिलाओं के लिए न्यायसंगत कानूनों के संदर्भ में बहुत कुछ करना बाकी है।
मोदी ने यहां 2017 वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन में कहा कि दुनिया भारत के मेरे निवेशक मित्रों, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आइए, भारत में उत्पादन कीजिए, भारत में निवेश कीजिए, भारत के लिए और दुनिया के लिए। मैं आप सब को भारत के विकास की कहानी में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करता हूं। और एक बार फिर आपको आश्वस्त करता हूं कि हम आपको पूरे दिल से समर्थन देंगे।
इस सम्मेलन का आयोजन अमरीका और भारत द्वारा मिलकर किया जा रहा है। इस सम्मेलन में 159 देशों के 1500 उद्यमी, निवेशक और पारिस्थितिकी तंत्र समर्थक भाग ले रहे हैं।
मोदी ने भारत के युवा निवेशकों से कहा कि साल 2022 तक नया भारत बनाने के लिए उनके पास योगदान करने के लिए उनमें से प्रत्येक के पास कुछ न कुछ मूल्यवान है। उन्होंने कहा कि आप भारत के बदलाव के वाहक हैं।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार यह समझती है कि पारदर्शी नीतियों का वातावरण, समान अवसर मुहैया कराने की नीति, और कानून का शासन उद्यमिता के फलने-फूलने के लिए बहुत जरूरी है।
मोदी ने कहा कि कराधान प्रणाली में हाल ही में ऐतिहासिक बदलाव किया गया और देश भर में वस्तु एवं सेवा कर लागू किया गया। 2016 में हमारी शुरू की गई दिवाला और दिवालियापन संहिता तनावग्रस्त उपक्रमों को समय पर समाधान उपलब्ध कराने की दिशा में एक कदम है। हमने हाल में इसे बेहतर किया है, जो जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवालों को तनावग्रस्त परिसंपत्तियों की बोली लगाने से रोकता है।
नोटबंदी के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि समानांतर अर्थव्यवस्था पर काबू पाने, कर चोरी रोकने और काले धन पर काबू पाने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में भारत 2014 में 54 पर था, जो अब 35 पर है। इससे देश में उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए दक्षता और आसानी का पता चलता है।
उन्होंने कहा कि निवेश अनुकूल वातावरण को व्यापक-आर्थिक परिपेक्ष्य में स्थिर होना चाहिए। हमने वित्तीय घाटा और चालू खाता घाटे पर काबू पाने के साथ मुद्रास्फीति को भी काबू में रखने पर सफलता प्राप्त की है। हमारा विदेशी पूंजी भंडार 400 अरब डॉलर को पार कर चुका है और हम लगातार विदेशी निवेश को आकर्षित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री से पहले इवांका ने सम्मेलन में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जब न्यायसंगत कानूनों की बात आती है, तो कई विकसित और विकासशील देशों ने जबरदस्त प्रगति की है, फिर भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
उन्होंने कहा कि कुछ देशों में महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाता, अकेले सफर करने नहीं दिया जाता, या बिना अपने पतियों के सहमति से काम करने नहीं दिया जाता। वहीं, कुछ अन्य देशों में सांस्कृतिक और पारिवारिक दवाब इतना ज्यादा होता है कि महिलाओं को घर से बाहर जाकर काम करने की आजादी नहीं मिलती।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रशासन दुनिया भर में महिलाओं के लिए अधिक से अधिक अवसरों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है, इसे हमारे घरेलू सुधारों और अंतर्राष्ट्रीय पहलों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब कोई महिला काम करती है, तो यह ‘गुणक प्रभाव’ पैदा करता है और परिवार और समाज में और अधिक पुनर्निवेश करता है।
उन्होंने कहा कि जब महिलाएं काम करती हैं, तो इससे विशिष्ट गुणक प्रभाव पैदा होता है। महिलाओं द्वारा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को नौकरी देने की संभावना अधिक होती है, और उन्हें पूंजी, परामर्श और नेटवर्क तक पहुंच प्रदान करती है। महिलाओं द्वारा अपने परिवारों और समुदायों में अपनी आय को फिर से निवेश करने की संभावना अधिक होती है।
उन्होंने कहा कि यह बात मान लें कि यदि भारत श्रम शक्ति में लिंगभेद को आधा भी कम कर देता है तो आपकी अर्थव्यवस्था अगले तीन सालों में 150 अरब डॉलर से अधिक बढ़ेगी। इस सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडल में 400 भारत से और 400 अमरीका से तथा बाकी के सदस्य बाकी दुनिया से हैं।
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