जयपुर। सत्ता और संगठन से नाराज चल रहे भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने रविवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनकी टीम पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने राजे सरकार पर जमीनों का कारोबार करने का आरोप लगाया। उन्होंने पिछले दिनों राजमहल विवाद का जिक्र करते हुए इस पूरे मामले पर सरकार से स्टेटस पेपर जारी करने की मांग भी की।
उन्होंने सवाल उठाया कि राजमहल के गेट पर पहले सील क्यों लगाई गई और बाद में क्यों खोली गई? प्रदेश की जनता को यह जानने का हक है।
विधायक तिवाड़ी रविवार को बिड़ला सभागार में दीनदयाल वाहिनी का द्वितीय प्रदेश पदाधिकारी सम्मेलन व संगठन पर्व संकल्प दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्थागत रूप से भ्रष्टाचार पनप रहा है। पैलेसिया प्रकरण, राजमहल प्रकरण, एनआरएचएम घोटाला, खान प्रकरण, पीएचईडी घोटाला इसके उदाहरण है। भ्रष्टाचार कई गुना बढ़ गया है। यह राज चल रहा है, या मजाक हो रहा है।
उन्होंने कहा कि राजमहल की सील खोलने एवं बंद करने का आदेश किसने दिया। क्यों मंत्री से पहले सील की कार्रवाई सही होने का बयान दिलवाया और फिर बाद में उसने सील खुलनवाने का आदेश लिखवाया।
जातिगत आधार पर राजपूत मंत्रियों की कमेटी बना कर यह राज करने का कौन सा तरीका है? सरकार को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ केंद्रीय भाजपा को भी संकेत दिए कि वह राजस्थान में हस्तक्षेप करे। तिवाड़ी ने राजे का नाम लिए बगैर कहा कि प्रदेश में आतंरिक लोकतंत्र खत्म हो गया। ना पार्टी में लोकतंत्र, ना ही विधानसभा में, ना ही सरकार और ना ही केबिनेट में।
राज्य केबिनेट सरकुलर ठप्पा केबिनेट हो गई, उसमें किसी चीज पर डिस्कसन नहीं होता। एक साल में छह महीने बाद विधानसभा सत्र बुलाते हैं और तीन घंटे में कार्यवाही कर समाप्त कर देते हैं। एक साल में महज 3 घंटे विधानसभा सत्र का संचालन। ऐसा आजादी के बाद से अब तक नहीं हुआ।
सत्तापक्ष में विधानसभा सत्र के दौरान ऐसा लगता है जैसे कर्फ्यू लगा हुआ हो। ये कैसा लोकतंत्र है जिसमें बहस करने की ही स्वतंत्रता नहीं रही। विधायक दल का मतलब मौन सभा हो गया है।
तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री पर वार करते हुए कहा कि अगर वे सोचते है कि विधायक मेरे हैं, मंत्री मेरे हैं, नगर निगम मेरे हैं, दिल्ली में मेरा आभा मंडल है। केवल घनश्याम तिवाड़र मेरा क्या बिगाड़ लेगा? यह प्रदेश की जनता चुनाव में जवाब देगी।
प्रदेश में भाजपा में संगठन नहीं चल रहा है। अगर राजस्थान खोया तो कुछ नहीं बचेगा। तिवाड़ी ने कहा कि विधायक, मंत्री और सब कहते हमारी नहीं चलती। केवल एक की चलती है। तो मैं कहता हैं कि उसको चलता कर तो सबकी चलना शुरू हो जाएगी।
तिवाडी ने सम्मेलन में साफ कर दिया कि वे फिलहाल नई राजनीतिक पार्टी नहीं बनाएंगे, बल्कि दीनदयाल वाहिनी को मजबूत करेंगे। तिवाड़ी ने कहा कि अभी राजनीतिक निर्णय करने का समय नहीं आया है।
विजय दशमी से ही लोकसंपर्क अभियान शुरू करेंगे। इसके तहत प्रदेश की 200 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर कम से कम 1000 स्थानों पर लोक संपर्क कर लोगों से उनके विचार जानेंगे।
प्रदेश की 160 विधानसभा क्षेत्रों में वाहिनी की कार्यकारिणी बन चुकी है, शेष 40 विधानसभा में भी जल्द ही कार्यकारिणी बनाई जाएगी। प्रदेश के 50 हजार पोलिंग बूथ पर एकात्म समिति का गठन किया जाएगा।
वाहिनी के सचिव अखिलेश तिवाड़ी ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की 200 विधानसभा में से 160 विधानसभाओं में वाहिनी का कार्य मजबूत हुआ है। राज्य के सभी 33 जिलों को हमने संगठनात्मक दृष्टि से 39 जिलों में बांटा और वहां जिला और मंडल स्तर पर कार्यकारिणी का गठन किया गया। 8 जिलों में शपथ ग्रहण समारोह हो चुका है। बूथ स्तर तक एकात्म समितियों का निर्माण किया जा रहा है।
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