भीलवाड़ा। दीनदयाल वाहिनी सामाजिक समरसता, आर्थिक न्याय, पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र और स्वच्छ राजनीतिक जीवन के लिए कार्य कर रही है। वाहिनी को कार्य करते हुए लगभग 14 महिने का समय हो गया है, इस दौरान प्रदेश के समस्त जिलों में वाहिनी का संगठन खड़ा हो गया है।
यह बात दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने शुक्रवार को भीलवाड़ा प्रवास के दौरान कही। वे यहां नगर परिषद सभागार में दीनदयाल वाहिनी की ओर से ‘भाजपा में बढ़ता धनबल का प्रभाव व कार्यकर्ताओं का टूटता मनोबल’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
तिवाड़ी ने कहा कि आम मतदाता जब किसी को वोट देता है तो प्रत्याशी को मंत्री या विधायक बनाने के लिए वोट नहीं देता। वह आपको वोट देता कि प्रत्याशी राष्ट्र, राज्य की संपत्ति और आम जनता के हित की रक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूरी दाल काली हो गई है जिसका कारण उन्होंने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की कमी बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विधिवत रूप से निर्वाचित नहीं है और न ही प्रदेश के जिला अध्यक्ष ही विधिवतरूप से निर्वाचित हैं। इसलिए इनमें से किसी को भी भाजपा के विधान के अनुसार कार्य करने का विधिक अधिकार प्राप्त नहीं है।
कार्यकर्ता को निर्भय होकर लड़नी होगी आंतरिक लोकतंत्र की लड़ाई
तिवाड़ी ने गोष्ठी में आए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा किसी जाति—बिरादरी, राजा—महाराजा और सेठ—साहूकार की पार्टी नहीं है। इस पार्टी को 90 साल तक लाखों करोड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने गृहस्थ जीवन को भूलकर एक विचारधारा के आधार पर पल्लवित पोषित किया है। अगर इसे कुछ लोगों के हाथ में जाने देंगे तो यह स्थिति दुखदाई होगी। इसलिये कार्यकर्ता को निर्भय होकर खड़ा होना होगा और पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की लड़ाई लड़नी होगी।
मंत्रिमंडल विस्तार नहीं, सीएम का डिपार्टमेंटल स्टोर है यह
तिवाड़ी ने मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में कहा कि यह मंत्रिमंडल विस्तार नहीं मुख्यमंत्री का डिपार्टमेंटल स्टोर है जिसे चाहे निकाले या रखे। इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर ठप्पा कैबिनेट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हम जनता के प्रतिनिधि हैं जनहित का संरक्षण करने वाले, परंतु जब जनहित का संरक्षण करने अगले चुनावों में टिकट मिलेगी या नहीं की चिंता में लग जाते हैं तो जनहित का भट्ठा बैठ जाता है। इसके लिए भी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की आवश्यकता है। तिवाड़ी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा केवल भीलवाड़ा में ही नहीं हो रही है, पूरे राजस्थान भर के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है।
लोकतंत्र के सामने पार्बोक्रेसी का संकट खड़ा हो गया
तिवाड़ी ने आंतरिक लोकतंत्र की बात करते हुए कहा कि भारत के सभी राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि पूरे देश में कहीं भी चले जाओ तो एक बात देखने को मिलेगी कि कहीं भी पार्टियों का राज नहीं हर जगह पार्टी बोसेज का राज है। बंगाल, यूपी, दिल्ली, तमिलनाडू, पंजाब, उड़िसा या कहीं भी पार्टियों का राज नहीं हैं। वहां एक व्यक्ति का राज कायम हो गया है, मुख्यमंत्री का राज कायम हो गया है। अगर कोई सोचता है कि राजस्थान में भाजपा का राज है तो वह मुगालते में जी रहा है। राजस्थान में मुख्यमंत्री का राज है, वह जिसको चाहे प्रदेश अध्यक्ष, जिला या मंडल का अध्यक्ष बना सकता है।
आर्थिक विषमता खत्म करने के लिए धन का विकेंद्रीकरण जरूरी
तिवाड़ी ने विश्व बैंक की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हाल ही भारत विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बना, परंतु भारतीय 182वें नंबर पर हैं। इसका अर्थ साफ है कि हमारी कुल संपदा का 58 प्रतिशत देश के केवल 1 प्रतिशत लोगों के पास है। वहीं 68 प्रतिशत किसानों के पास केवल 8.5 प्रतिशत संपदा हैं। अगर भारत पांचवे नंबर पर है तो भारतीय को भी पांचवे नंबर होना चाहिए। ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि हमारी नीतियां ठीक नहीं है।
जब तक कॉरपोरेट जगत के पास इकट्ठे सारे धन का विकेंद्रीकरण नहीं होगा तब तक देश में उत्पन्न आर्थिक विषमता की स्थिति खत्म नहीं हो सकती। तिवाड़ी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था जब तक दूर दराज में बसी ढाणी में रहने वाले व्यक्ति को भी उतनी सुविधा न मिले जितनी की दिल्ली में रहने वाले व्यक्ति को मिलती है, तब तक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का कोई लाभ नहीं है।
सामाजिक समरसता के लिए जातिवाद को खत्म करना जरूरी
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि देश भर में आरक्षण के लिए आंदोलन किए जा रहे हैं। तब मैंने कहा कि सामाजिक समरसता और आर्थिक न्याय के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वर्तमान सभी आरक्षणों को जारी रखते हुए 14 प्रतिशत आरक्षण वंचित वर्ग को भी दिया जाना चाहिए। इसके लिए हम सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है। हमारा यह आंदोलन किसी भी ओबीसी, एसटी और एससी के आरक्षण के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने बताया कि वंचित वर्ग में शामिल ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ और वैश्य के गरीब बच्चों को इसका लाभ मिलना चाहिए। इसलिये सामाजिक समरसता, आर्थिक न्याय, पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र व स्वच्छ राजनीतिक जीवन के लिये दीनदयाल वाहिनी प्रदेश भर में आंदोलनरत है।
तीन जगह तिवाड़ी का भव्य स्वागत
भीलवाड़ा में आयोजित संगोष्ठी से पहले घनश्याम तिवाड़ी का बांदनवाड़ा में नवीन शर्मा पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा अजमेर व सींगावल में शिवराम गुर्जर सरपंच के नेतृत्व में बैंड बाजों के साथ स्वागत किया गया। कार्यक्रम में कैलाश काबरा पूर्व जिला महामंत्री भाजपा भीलवाड़ा, कार्यक्रम के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल पूर्व सभापति, छोटू भील पूर्व प्रधान शाहपुरा, इंद्र टेलर चैयरमेन गुलाबपुरा, राजेश शर्मा जिला अध्यक्ष दीनदयाल वाहिनी, रामेश्वर छीपा, रामप्यारी बैरवा पूर्व प्रधान शाहपुरा, देवी लाल जी माली पूर्व पार्षद भीलवाड़ा भी उपस्थित थे।