नई दिल्ली। भाजपा ने कहा है कि स्याही प्रकरण के बाद आम आदमी पार्टी नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा का मुद्दा उठाना निंदनीय है। पार्टी का आरोप है कि असल में केजरीवाल ब्लैक कैट सुरक्षा लेना चाहते हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने सोमवार को कहा कि स्याही प्रकरण के बाद अब सुरक्षा नहीं लेने की नौटंकी करने वालों की पोल पूरी तरह खुल गई है। उन्होंने कहा कि आप नेता आशुतोष द्वारा केजरीवाल की सुरक्षा का मुद्दा उठाना निंदनीय है और लगता है कि मुख्यमंत्री के मन में ब्लैक कैट सुरक्षा लेने के अरमान जाग रहे हैं।
उपाध्याय ने कहा कि एक तरफ तो आम आदमी पार्टी कहती है कि केजरीवाल को कोई सुरक्षा नहीं चाहिए पर दूसरी ओर वो दिल्ली पुलिस से उम्मीद लगाते हैं कि वह पंजाब में राजनीतिक यात्रायें करें तो वहां भी दिल्ली पुलिस सुरक्षा दे।
उपाध्याय ने आप नेता आशुतोष द्वारा मुख्यमंत्री की सुरक्षा का प्रश्न उठाने पर प्रतिक्रिया देत हुए कहा कि शायद उन्हें सुरक्षा प्रोटोकाल की कोई जानकारी ही नहीं है या फिर घडि़याली आंसू बहा कर जनता को गुमराह करना इस पार्टी के नेताओं का नियमित कार्य बन गया है।
उन्होंने कहा कि निःसंदेह किसी भी मुख्यमंत्री को अन्य राज्य की यात्रा पर भी सुरक्षा मिलती है और मिलनी चाहिए पर सरकार प्रोटोकाल अनुसार उसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय या गृह विभाग संबंधित सुरक्षा अधिकारी और दूसरे राज्य की सरकार को पूर्व सूचना देते हैं।
आशुतोष ने स्वयं कहा कि हम सुरक्षा नहीं मांगते, दिल्ली पुलिस ने हमें सुरक्षा दी है, तो आशुतोष को यह भी समझना होगा कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में सुरक्षा दी है अन्य राज्यों में नहीं।
उपाध्याय ने मांग की है कि आशुतोष द्वारा इस मुद्दे को उठाये जाने के बाद अब सरकार स्पष्ट करे कि क्या मुख्यमंत्री कार्यालय दिल्ली पुलिस को नियमित रूप से मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों की सूचना देता है यानि सुरक्षा की अपेक्षा करता है? क्या पंजाब यात्रा से पूर्व दिल्ली पुलिस एवं पंजाब सरकार को सूचना दी गई थी?
उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री पर स्याही फैंके जाने की घटना निंदनीय है पर उससे ज्यादा निंदनीय है उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा भाजपा एवं पुलिस को इस घटना के लिए दोषी दिखाने का प्रयास।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी इस प्रकार की अराजक राजनीति का समर्थन नहीं किया है। लेकिन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने समय समय पर ऐसी अराजक घटनायें करने वालों को राजनीतिक लाभ दिया है।