बांकुडा। बांकुडा जिले में डायन होेने के सन्देह में दसवीं की एक छात्रा को गांव से बाहर निकाले जाने की सनसनीखेज घटना सामने आई है। अजीब बात है कि एक बीमार महिला के छात्रा का नाम लिए जाने के कारण उसे डायन बताया जा रहा है।
पीड़िता के परिजन का कहना है कि करीब पांच महीने पहले बारुईपुर थाने के बानाखाङा गांव में एक महिला घूमने के लिए आई थी।
उस दौरान महिला की तबियत अचानक बिगड गई और वह उस छात्रा का नाम लेकर पुकारने लगी। इसी के चलते गांव के लोगों ने उस छात्रा को डायन मान लिया।
उस घटना के बाद गांव में किसी के अस्वस्थ होने पर दसवीं की उसी छात्रा पर संदेह किया जाने लगा। गांव के मोडल (मुखिया) ने गया जाकर अनुष्ठान करने की सलाह दी।
इस सलाह पर पीडिता के परिजनो ने गया जाकर पूजा अर्चना भी की लेकिन इससे गांव वालों की सोच पर कोई फर्क नहीं पडा। उल्टे मुखिया के आदेश पर ग्रामीणों ने उस छात्रा पर गांव छोडने के लिये दबाव डालना शुरू कर दिया।
तंग आकर पीडिता के परिजनो ने उसे कहीं अन्यत्र भेज दिया। छात्रा के पिता ने इस मामले की शिकायत थाने में की। उनका आरोप है कि शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब परिजनों ने जिले के पुलिस अधीक्षक से मिल कर मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।