दार्जिलिंग। पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र में गुरुवार को बड़े पैमाने पर हिंसक वारदात हुईं। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुं ग के दार्जिलिंग जिला स्थित आवास पर पुलिस की छापेमारी से नाराज जीजेएम कार्यकर्ताओं ने एक पुलिस चौकी को आग लगा दी और सुरक्षा बलों पर पथराव किया।
जीजेएम कार्यकर्ताओं ने अपनी महिला शाखा नारी मोर्चा की अगुवाई में पटलीबास में गुरुं ग के घर पर छापेमारी करके लौट रहे पुलिस बल को घेर लिया और ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्र से पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
इस पथराव में कई पुलिस कर्मी घायल हुए। इसके जवाब में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। हालात काबू से बाहर होने के बाद सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया है।
कुछ वाहनों को आग लगा दी गई। इसमें एक मीडिया का भी वाहन था। पड़ोसी कालिम्पोंग जिले में कथित जीजेएम समर्थकों ने पेडोंग पुलिस चौकी को आग लगा दी।
जीजेएम के महासचिव रोशन गिरी ने राज्य सरकार पर मनमानी व उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए केंद्र व राज्य सरकारों से राजनीतिक समस्या को हल करने के लिए दखल देने की मांग की।
गिरी ने कहा कि जीजेएम ने पहाड़ी क्षेत्र में हिंसा नहीं शुरू की है। राज्य सरकार ने ऐसा किया है। वे पुलिस का इस्तेमाल कर हमें दबाना चाहते है। पुलिस की मनमानी के खिलाफ प्रदर्शन के लिए हमने पहाड़ी क्षेत्र में अनिश्चितकालीन बंद बुलाया है।
गिरी ने कहा कि यह एक कानून व व्यवस्था की नहीं, बल्कि राजनीतिक समस्या है। भारत सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार को इसे राजनीतिक तौर पर हल करना चाहिए।
जीजेएम प्रायोजित अनिश्चितकालीन हड़ताल के बीच पुलिस ने गुरुंग के घर पर गुरुवार की सुबह छापेमारी की। पुलिस ने कहा कि उसने घर से धनुष और तीर, चाकू, कुल्हाड़ी, विस्फोटक और बड़ी मात्रा में नकदी जब्त किया है।
दार्जिलिंग जिले के पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि इस मामले में अब तक दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ये सभी हथियार पुलिस पर हमला करने के लिए जुटाए गए थे। कोई शांति प्रिय व्यक्ति इस बड़ी मात्रा में हथियार नहीं रख सकता।
पुलिस के आरोपों को खारिज करते हुए गिरी ने कहा कि उन्हें क्या मिला? घनुष और तीर? यह पहाड़ी इलाकों के परंपरागत हथियार हैं। पार्टी कार्यालय में स्थानीय स्कूलों के वार्षिक तीरंदाजी कार्यक्रम के लिए इन्हें जमा किया गया था।
इस बीच महिला मोर्चा की कार्यकर्ता गुरुंग के घर के बाहर बड़ी संख्या में जमा हुईं और अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देब ने जीजेएम की हड़ताल को अवैध और लोगों के खिलाफ जंग बताया और किसी भी कीमत पर इसे खत्म करने की बात कही।
देब ने कहा कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने इस तरह की हड़ताल को पहले ही अवैध घोषित किया है। यह हड़ताल पहाड़ी क्षेत्र के लोगों के खिलाफ है। राज्य प्रशासन व तृणमूल नेतृत्व पहाड़ी लोगों को बंद को रोकने के लिए एकजुट करेगा।
गुरंग के घर पर छापेमारी पर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि इस तरह के कठोर कदम से हालात पहाड़ी क्षेत्र में बदतर हो सकते हैं। उन्होंने ममता बनर्जी से मामले का हल निकालने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध किया।