नई दिल्ली। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मानसूनी बारिश के औसत से कम रहने की आशंका से पूर्व घोषित देश के विकास दर अनुमान को 50 आधार अंक घटाकर सात फीसदी कर दिया।
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने कहा है कि कमोडिटी का आयातक होने के कारण इसके मूल्य में गिरावट से भारत के विकास परिदृश्य को लाभ होगा। चीन में मांग और वैश्विक व्यापार की विकास दर के कम रहने का हालांकि इस पर थोड़ा असर होगा।
मूडीज ने मंगलवार को जारी ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2015-16Ó रपट में कहा कि हम भारत के विकास दर अनुमान को घटाकर करीब सात फीसदी कर रहे हैं, क्योंकि मानसूनी बारिश औसत से कम रहने की संभावना है, हालांकि यह उतनी कम नहीं है, जितनी संभावना थी।
रपट में हालांकि कहा गया है कि सुधार प्रक्रिया जारी रहने के कारण देश में आर्थिक गतिविधियों में मजबूती आती जाएगी। मूडीज ने 2016-17 के लिए विकास दर अनुमान को 7.5 फीसदी पर बरकरार रखा है।
मूडीज ने हालांकि आर्थिक सुधार के लिए देश में आम सहमति घटने को एक जोखिम बताया है। इस तरह के सुधारों में उसने वस्तु एवं सेवा कर का नाम लिया, जिसे कानून बनने की प्रक्रिया काफी लंबी होगी।
चीन के लिए मूडीज ने मौजूदा वर्ष के विकास दर अनुमान को 6.8 फीसदी और 2016 के लिए 6.5 फीसदी पर बरकरा रखा है। मूडीज ने कहा है कि इस दशक के अंत तक चीन की विकास दर अतिरिक्त गिरावट के साथ छह फीसदी तक नीचे आ सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, मानसूनी बारिश दीर्घावधि औसत से 10 फीसदी कम रह सकती है। एक अन्य आंकड़े के मुताबिक देश का अनाज उत्पादन 2014-15 (जुलाई-जून) सत्र में 4.7 फीसदी कम रहा है। मूडीज ने आगे कहा कि सुधार की दिशा में लगातार हो रही कोशिश से उसे आर्थिक गतिविधियों में निरंतर तेजी आते जाने का अनुमान है।
परिदृश्य में कहा गया कि देश की महंगाई दर की वर्तमान स्थिति जारी रहेगी, क्योंकि खाद्य और कमोडिटी कीमतें कम रहेंगी। परिदृश्य में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक का महंगाई लक्ष्य हासिल हो सकता है।
ताजा आंकड़े के मुताबिक जुलाई में देश की उपभोक्ता महंगाई दर 3.78 फीसदी रही है, जबकि थोक महंगाई दर और घटकर नकारात्मक 4.05 फीसदी रही। साथ ही जून में औद्योगिक विकास दर 3.8 फीसदी रही। रिजर्व बैंक ने ने जनवरी 2016 तक उपभोक्ता महंगाई दर को छह फीसदी रखने का लक्ष्य तय किया है।