Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
Goa Declaration at 8th BRICS Summit
Home Breaking गोवा एक्शन प्लान से सुरक्षा परिषद् में स्थायी सीट का एजेंडा

गोवा एक्शन प्लान से सुरक्षा परिषद् में स्थायी सीट का एजेंडा

0
गोवा एक्शन प्लान से सुरक्षा परिषद् में स्थायी सीट का एजेंडा
Goa Declaration at 8th BRICS Summit
Goa Declaration at 8th BRICS Summit
Goa Declaration at 8th BRICS Summit

पणजी। ब्रिक्स समिट के अंत में रखे गोवा एक्शन प्लान के जरिए भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् में अपनी स्थायी सदस्यता की दावेदारी को रखने में सफलता पाई।

गोवा एक्शन प्लान में भारत ने यूएन में सुधारों की वकालत की और मौजूदा वैश्विक हालात में संयुक्त राष्ट्र की प्रभावी भूमिका के लिए कुछ सुझाव रखें, जिसमें ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत की सुरक्षा परिषद् में दावेदारी का मुद्दा भी रख दिया।

दरअसल ब्रिक्स समिट गोवा एक्शन प्लान में भारत ने मौजूदा हालात में दुनिया के और लोकतांत्रिक होने और मल्टी-पोलर होने की बात कहीं, और ऐसे में संयुक्त राष्ट्र के दुनिया में और प्रभावी भूमिका की वकालत की।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का जिक्र करते हुए कहा कि अब दुनिया की समस्याओं के हल के लिए बहुपक्षीय प्रयासों की जरुरत है। इस तरह भारत ने आतंकवाद को एक वैश्विक समस्या बताते हुए इसका वैश्विक स्तर पर हल निकालने की बात रख ही दी।

भारत ने अंतरराष्ट्रीय शांति, स्थायित्व और सुरक्षा की ब्रिक्स गोवा एक्शन प्लान में बात करते हुए इसे सीधे तौर पर वैश्विक विकास और मानवाधिकार से जोड़ा।

ब्रिक्स गोवा एक्शन प्लान में भारत ने वैश्विक समस्याओं को जैसे आतंकवाद के लिए बहुपक्षीय प्रयासों की बात करते हुए कहा कि हमें ये देखना होगा कि कहीं किसी देश की सुरक्षा दूसरे देशों की सुरक्षा से समझौता करते हुए तो नहीं की जा रही है।

कुख्यात डॉन से नेता बने अरुण गवली को मिला पेरोल

ऐसे में भारत इस बात की वकालत करता है कि किसी भी देश किसी ऐसी किसी भी गतिविधि को लेकर अंर्तराष्ट्रीय कानूनों के तह्त कार्रवाई हो।

2005 के वर्ल्ड समिट डॉक्यूमेंट को याद दिलाते हुए भारत ने ब्रिक्स गोवा एक्शन प्लान में कहा कि अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र में इस तरह बदलाव किए जाए जिससे यूएन में दुनिया का बेहतर ढंग से प्रतिनिधित्व हो सकें।

क्योंकि इस तरह ही हम सब वैश्विक चुनौतियों का उचित तरीके से जवाब दे सकेंगे और इसके लिए जरुरी है कि ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत जैसी बड़ी और तेजी से बढती अर्थव्यवस्थाओं को संयुक्त राष्ट्र में और बड़ी भूमिका निभाने का मौका दिया जाए। जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में इन देशों को स्थायी सदस्यता भी एक तरीका हो सकता है।

ममता हुई शर्मसार, मां ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म

उल्लेखनीय है कि ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता के लिए अपनी दावेदारी करते आ रहे हैं। ये तीनों ही देश अपने-अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम है।

जहां दक्षिण अफ्रीका का कहना है कि अफ्रीका महाद्वीप का सुरक्षा परिषद् में प्रतिनिधित्व होना चाहिए और इसके लिए वो एक सही उम्मीदवार है, ब्राजील दक्षिण अमेरिका महाद्वीप को लेकर यहीं बात करता है।

वहीं जब बात दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के प्रतिनिधित्व को लेकर होती है, तो भारत की दावेदारी मजबूत होती है। गोवा में हुई 8वीं ब्रिक्स समिट में बिमस्टेक देशों को बुलाने के पीछे भारत की यही रणनीति मानी जा रही है, क्योंकि बिमस्टेक के सात सदस्य देश इसी क्षेत्र से आते हैं।