पणजी। मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने सरकार का विश्वासमत प्रस्ताव जीत लिया है। भाजपा के समर्थन में 22 विधायकों ने मत किया।
इससे पहले, नवनिर्वाचित सदस्यों को गोवा विधानसभा में सभापती सिद्धार्थ कुकळीकर ने पहले पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
भाजपा के 13 महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन गोवा फॉरवर्ड के तीन और तीन निर्दलीय विश्वासमत प्रस्ताव के पक्ष मे खड़े हुए। जबकि कांग्रेस के समर्थन में सोलह सदस्यों में मत किए।
कांग्रेस में से 17 सदस्य विधानसभा में है लेकिन विश्वजित राणे अनुपस्थित रहने के कारण विरोध में 16 विधायक रहे। गोवा में एकमात्र एनसीपी विधायक चर्चिल आलेमाव ने भाजपा आघाडी सरकार को समर्थन दिया।
अंत में सभापती ने सदन को 23 मार्च तक स्थगित करने की घोषणा की। बतादें कि 23 मार्च से बजट सत्र शुरू होगा और 24 मार्च को मुख्यमंत्री पर्रीकर सदन मे बजट पेश करेंगे।
कांग्रेस को गच्चा दे गए विधायक विश्वजीत राणे
गोवा में सरकार बनाने से दूर हुई कांग्रेस में अंदरूनी उठापटक के बीच वालपोई से कांग्रेस विधायक और निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता विश्वजीत पी राणे ने पार्टी को इस्तीफे सौंपने के बाद अब फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस का सहयोग करने का ऐलान किया था। लेकिन वे फ्लोर टेस्ट के दौरान नदारद थे।
दरअसल कांग्रेस गोवा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के शपथ के बाद भी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में बहुमत का दावा कर रही है। इससे पहले राणे ने सीधे तौर पर गोवा के पार्टी प्रभारी दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया था।
उन्होंने कहा था कि वे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। राणे का आरोप है कि कांग्रेस महासचिव और गोवा चुनाव प्रभारी दिग्विजय सिंह के कुप्रबंधन के कारण कांग्रेस गोवा में सरकार नहीं बना पाई।
उल्लेखनीय है कि राणे कांग्रेस के नेता और गोवा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रताप सिंह राणे के बेटे हैं। इससे पहले राणे ने आरोप लगाया था कि गोवा के मामले को जिस तरह संचालित किया गया, वह शर्मनाक है। राणे ने कहा कि और भी कांग्रेस विधायक परेशान हैं और वह उन्हीं (राणे) की तरह पार्टी छोड़कर जा सकते हैं।
इस बीच दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा था कि राणे को पार्टी में यह बताना होगा कि वह गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ होटल में कॉफी के साथ क्या कर रहे थे? उन्होंने कहा कि राणे को पार्टी में इसकी सफाई देनी होगी। राणे ने इससे पहले भी नेतृत्व पर सवाल उठाए थे।
इससे पहले कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने अप्रत्यक्ष रूप से दिग्विजय सिंह को चुनाव न जीत पाने के लिए बेवकूफ तक कहते हुए उन पर सवाल उठाया है। वहीं, कांग्रेस के अन्य नेता भी गोवा में सरकार बनाने में तेजी न दिखाने के लिए दिग्विजय सिंह को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं।