पणजी। गोवा की एक निचली अदालत ने पिछले महीने मडगांव कस्बे के आसपास नग्न अवस्था में घूमते पाए गए एक जैन साधु के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
26 मई को दिए अपने आदेश में प्रथम श्रेणी के न्यायाधीश बॉस्को रॉबर्टस ने सार्वजनिक स्थानों पर अश्लीलता फैलाने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 294 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
यह आदेश 26 मई को पारित हुआ था, लेकिन इसे औपचारिक रूप से बुधवार को जारी किया गया। आदेश के मुताबिक, जुलूस में शामिल जैन साधु की तस्वीरें प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 294 के तहत अपराध की श्रेणी में रखने लायक हैं।
आदेश में कहा गया है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय संविधान के तहत किसी भी धर्म का पालन और उसका प्रचार करना मान्य है, लेकिन आजादी के साथ जिम्मेदारी का भी निर्वाह करना पड़ता है और यह हमारा कर्तव्य है कि हमारे कृत्य से अन्य को दिक्कत न हो।
गौरतलब है कि जैन दिगंबर पंथ के साधु प्रणाम सागर महाराज ने पणजी से 35 किलोमीटर दूर मडगांव कस्बे के आसपास एक जुलूस का आयोजन किया था। इस दौरान कांग्रेस के स्थानीय विधायक दिगंबर कामत भी उनके साथ थे। सोशल मीडिया पर पिछले महीने साधु की तस्वीरें वायरल होने के बाद काफी विवाद हुआ था।