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चिट्ठी में सबसे पहले, लिखता तुझको राम राम - Sabguru News
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चिट्ठी में सबसे पहले, लिखता तुझको राम राम

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चिट्ठी में सबसे पहले, लिखता तुझको राम राम
Goddess of adi parashakti Prapancha
Goddess of adi parashakti Prapancha
Goddess of adi parashakti Prapancha

हे श्रेष्ठ मानव, इस जगत का आधार है शक्ति। शक्ति के बिना सभी शव समान है। ये शक्ति सदियों से प्रपंच रचती आ रही है और प्रलय तक ऐसा ही करेगी। धर्मग्रंथों में इसी कारण देवी को प्रपंचा कहा है। प्रपंच वो रचती है और मानव अपने अनुसार उसको अंजाम देता है।

सृष्टि के काल से आज तक यही होता रहा है। सभ्यता ओर संस्कृति व मानव के क्रिया कलापों को कालचक्र इतिहास के पन्नों में लिख कर छोड गया जिस पर व्यक्ति अपनी अपनी सोच के अनुसार अच्छी या गलत टिप्पणी करता है। सत्य क्या है यह मात्र परमात्मा ही जानता है। कारण ये देवी शक्ति प्रपंचा है यही अब तक सत्य है।

इस प्रपंच से क्या तू बच सकता है, नहीं, कभी नहीं। हे श्रेष्ठ मानव सृष्टि के पंच महाभूत ओर तीन गुणों से तेरा भी जन्म हुआ है। जब दुनिया मे तामसी तत्व बढ जाता है तो सात्विक तत्व बहुत छोटा हो जाता है। इन दोनों तत्वों का संतुलन करने के लिए राजसी तत्व बढने लगता है।

राजसी तत्व के बढ़ने से शान ओ शौकत बढ जाती है। राजसी तत्व बढने से परमात्मा का स्थान मानव के सामने गौण हो जाता है। परमात्मा का स्थान गौण होते ही देवी प्रपंचा को हंसी आने लगती है और वह मुस्कराते हुए कहती है कि हे वैभव शक्ति पुरूष तुमने अब राजसी दुनिया में प्रवेश कर लिया है और अब तक किए गए तेरे कार्यो का फल भी केवल तुम्हे ही भोगने का अवसर आ गया है, तेरे द्वारा अब तक की गई अच्छी या बुरी कमाई। अब प्रपंचा के प्रपंच में मत पड और शरण राम की ले।

राम का नाम सदा ही मीठा होता है और जो मीठे बोलते हैं उनका विश्वास मत करना। मीठा बोलने वाला पतवार हीन नौका की तरह होता है जिस ओर हवा चलती है वो भी उसी ओर हो जाता है।

हे भद्र पुरूष तू भी जानता है कि राम का नाम ही सदा सुखदायी है और यदि जीवन मे सुख चाहता है तो राम की शरण ले अन्यथा आज तू जिनके सिर का ताज बना हुआ है वह ही कल तुझे कदमों की धूल बना तेरा अस्तित्व मिटा देंगे। इसलिए तू अब राम की शरण ले ओर चैत्र मास में शक्ति की आराधना कर और अपने आत्मबल को बढा। किसी ने सत्य ही कहा
राम जी को नाम सदा ही मीठो रे…!

सौजन्य : भंवरलाल