नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर भारी गिरावट और घरेलू स्तर पर मांग कम होने से दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना मंगलवार को 450 रुपए टूटकर तीन महीने के निचले स्तर 25,700 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया।
वहीं चांदी भी 500 रुपए लुढ़ककर साढ़े तीन महीने के निचले स्तर 34,100 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई।
मेलबोर्न से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोना हाजिर 0.37 प्रतिशत कमजोर होकर 1078.46 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। अमेरिकी सोना वायदा में भी गिरावट दर्ज की गई और यह 0.6 प्रतिशत लुढ़ककर 1077.50 डॉलर प्रति औंस बोला गया है।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर के मजबूत होने एवं सोने के मुख्य उपभोक्ता देशों में मांग में कमी आने के कारण सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई। हालांकि शुक्रवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के बाद दोनों कीमती धातुओं को बाजार की अनिश्चितता का फायदा मिला था लेकिन डॉलर की मजबूती और माँग में कमी ने इसे पुन: नरम कर दिया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका में अर्थव्यवस्था में मजबूती के संकेत से दिसंबर में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी करने की संभावना से डॉलर में मजबूती आई है जिसके कारण दोनों कीमती धातुएं कमजोर हुई हैं। सोने के प्रमुख उपभोक्ताओं चीन एवं भारत में स्थानीय मांग उतरने से भी पीली धातु दबाव में रही। इस बीच मेलबोर्न में चाँदी हाजिर 0.07 प्रतिशत फिसलकर 14.23 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।
सोना स्टैंडर्ड 450 रुपए लुढ़ककर 25,700 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया जो 11 अगस्त के बाद का निचला स्तर है। यह इस साल सात मार्च के बाद की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है। उस दिन यह 510 रुपए गिरकर 26,550 रुपए पर आ गया था।
सोना बिटुर भी इतनी ही गिरावट के बाद 25,550 रुपए प्रति दस ग्राम बोला गया। हालांकि आठ ग्राम वाली गिन्नी 22,200 रुपए पर स्थिर रही। चांदी हाजिर 500 रुपए फिसलकर 34,100 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई जो 6 अगस्त के बाद का निचला स्तर है।
चांदी वायदा 620 रुपए कमजोर होकर 33,640 रुपए प्रति किलोग्राम बोली गई। इस बीच सिक्का लिवाली और बिकवाली अपने पुराने स्तर क्रमश: 48 हजार रुपए एवं 49 हजार रुपए प्रति सैकड़ा पर टिके रहे हैं।
कारोबारियों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर गिरावट आने तथा स्थानीय स्तर पर मांग कम होने से दोनों कीमती धातुओं में गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि इनकी कीमतें आगे भी वैश्विक रुख एवं स्थानीय मांग पर निर्भर करेंगी।