नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम लोगों से अपील की है कि वे धैर्य से काम लें। लोगों को कम से कम परेशानी हो, इसके सभी उपाय किए जा रहे हैं।
सरकार की नजर केवल उन लोगों पर है जिनके पास बेहिसाब धन है। साथ ही आगाह किया कि ज्वेलरों से भी पूछा जाएगा कि सोना किसने खरीदा और पैसे कैसे आए।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यह बात यहां आर्थिक संपादक सम्मेलन में गुरुवार को कही। उन्होंने आम लोगों को आश्वस्त किया कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं। सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि नई मुद्रा जल्द से जल्द मिल सके।
बैंकों को रविवार को भी इसी मकसद से खोला जा रहा है। बैंकों के अलावा पूरे देश में सवा लाख डाकघरों का नेटवर्क है। अगर फिर भी जरूरत पड़ी तो कोई और उपाय भी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि भारत में आपातकाल के लिए धन जोड़ने की परंपरा है, इसलिए सरकार इसपर ध्यान नहीं दे रही है। केवल बेहिसाब धन रखने वालों पर सरकार की नजर है।
साथ ही आगाह किया कि सोना बेचने वालों से भी ग्राहकों की जानकारी ली जाएगी। पैसे कहां से और कैसे आया, यह उनसे पूछा जाएगा। पिछली सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जेटली ने कहा कि हम आर्थिक लिहाज से एक प्रतिकूल वातावरण में काम कर रहे हैं।
पिछली सरकार को जो गंभीर फैसले लेने चाहिए थे, उन्होंने नहीं लिए। हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि हम निर्णय लेते हैं, ऐसे निर्णय भी जिनमें जोखिम होता है। हमारी नीति यही है कि ज्यादातर निर्णय सर्वसहमति से लें।
पिछली सरकार ने ज्यादातर निर्णय बाजार पर छोड़ दिए ताकि लक्ष्य और कार्य, दोनों दृष्टकोण से जवाबदेही न रहे। लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे। हमने कई क्षेत्रों को निवेश के लिए खोले हैं जिनकी मांग लंबे समय से थी। कर प्रक्रिया को भी लगातार आसान बना रहे हैं।
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