नई दिल्ली। इस साल कंपनियां अपने इम्पलॉई को अच्छा इन्क्रिमेंट देने जा रही हैं। माना जा रहा है कि अच्छा परफॉर्म करने वालों को 25 फीसदी तक और औसत परफॉर्म करने वालों को भी 12 फीसदी तक सैलरी हाइक दी जा सकती है।
आईटी कंपनियों में यह हाइक अधिक होगी और औसत परफॉर्मर को भी लगभग 13.5 फीसदी हाइक दी जा सकती है। एक्सपर्ट के अनुसार कंपनियां साल में एक बार अप्रेजल की जगह अब नियमित फीडबैंक कल्चर की तरफ भी शिफ्ट करने जा रही हैं।
इससे साल में सिर्फ एक बार ही नहीं, बल्कि एक से अधिक बार भी इन्क्रिमेंट दिया जाना संभव होगा। अभी मैनेजमेंट का बेल कर्व सिस्टम है लागू अधिकांश कंपनियों में मैनेजमेंट का बेल कर्व सिस्टम लागू है। इसका मतलब यह है। कि कर्मचारियों के बीच आपस में ही तुलना की जाती है।
इस तरह इम्पलॉई को अलग-अलग कैटेगरी में रखा जाता है। ये कैटेगरी हैं- टॉप, एवरेज और बॉटम परफॉर्मर। अधिकांश कर्मचारियों को औसत परफॉर्मर कैटेगरी में रखा जाता है। एचआर एक्सपर्ट का मानना है कि समय बदल रहा है और अधिकांश कंपनियां अब अपने अप्रेजल सिस्टम में बदलाव करना चाह रही हैं। साल में एक बार की जगह वे रेग्युलर फीडबैक आधारित रिव्यू सिस्टम की तरफ शिफ्ट कर रही हैं।
विलिस टॉवर्स वाटसन इंडिया के डायरेक्टर रिवार्ड्स, टैलेंट एंड कम्युनिकेशन, शत्रुंजय कृष्ण ने कहा कि बड़ी संख्या में कंपनियां अब साल में एक बार अप्रेजल की जगह लगातार रिव्यू सिस्टम अपनाने जा रही हैं। इसे अगर पूरी तरह क्रियान्वित नहीं भी किया जाता है, तो पायलट के तौर पर जरूर आजमाना चाहती हैं।