सूरत। शहर के लाखों लोगों के लिए यह ऐतिहासिक क्षण था जब सैकड़ों साल पुराने गोपीतालाब के खो चुके अस्तित्व को फिर से जीवंत कर दिया गया। शनिवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे तालाब के दक्षिण-पूर्व छोर (आग्नेय कोण) से जलवर्षा कराई गई। वरुण देव को सभी ने नमस्कार करते हुए करतल ध्वनि की, जिसके बाद तापी मैया के जयकारे भी गूंजे।
तालाब में रोजाना आठ से 10 एमएलडी पानी डाला जाएगा। यह लगातार यदि 15 दिन तक जारी रहा तो तालाब अपने भराव क्षमता 15 करोड़ लीटर तक जा पहुंचेगा, लेकिन यह शहर की जरूरत को ध्यान में रखते हुए पूरा किया जाएगा। फिलहाल तालाब में पानी प्रायोगिक तौर पर छोड़ा जाएगा और स्थाई तौर पर पानी डालने से पूर्व इसकी मिट्टी आदि की जांच की जाएगी, जिसका काम महानगर पालिका ने एक कन्सल्टेंट को सौंपा है।
तालाब के तल में आयोजित समारोह में सूरत महापौर निरंजन झांझमेरा ने कहा कि जल अवतरण समारोह से गोपीतालाब को पुनर्जीवित होगा। वर्षों बाद गोपीतालाब नए रूप-रंग में सज कर तैयार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट का 95 फीसदी काम पूरा हो चुका है। स्थल को रमणीय बनाने के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं रखी जाएगी।
तालाब तक चारों ओर से आवाजाही के संबंध में उन्होंने कहा कि महानगर पालिका के पास इस संबंध में प्रस्ताव लंबित होने की वजह कोर्ट मैटर का होना है। तकनीकी वजह से काम की गति धीमी जरूरी है, लेकिन पालिका प्रोजेक्ट को पूरा करने के प्रति दृढ निश्चियी है। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व के महापौर, पार्षदों और अन्य लोगों की भूमिका को सराहा।
मनपा आयुक्त मिलिंद तोरवणे ने कहा कि तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए चरणबद्ध कार्य किए जा रहे हैं। जलावतरण के साथ शहरवासियों को एक नायाब तोहफा मिलेगा। स्थाई समिति के अध्यक्ष नीरव शाह ने कहा कि तालाब को लेकर भाजपा शासकों की कोशिश साकार हुई है। गोपीतालाब के सम्पूर्ण रूप से विकसित होने के बाद यह शहर के लिए गौरव साबित होगा।
विधायक रणजीत गिलिटवाला ने कहा कि 15वीं सदी में निर्मित यह तालाब पिछले छह सौ साल से शहर के नक्शा से ही गायब समान था। यहां गंदगी और अतिक्रमण की वजह से यह गारबेज स्टेशन के रूप में परिणत हो गया था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006-07 से मनपा की स्टेडिंग कमेटी ने इसे डेवलप करने की प्रक्रिया शुरू की थी। बाधा-विघ्न के बाद भी शासकों की इच्छाशक्ति के कारण यहां काम आगे बढ़ता गया।
उन्होंने स्थाई समिति में जमीन संपदान से संबंधित लंबित सारे प्रस्तावों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की। आयोजन में सांसद सी.आर.पाटिल, सांसद दर्शना जरदोश, विधायक राजा पटेल, विधायक प्रफूल्ल पानसेरिया, अजय चौकसी समेत समिति अध्यक्ष और पार्षद मौजूद थे।
नहीं आई जनता
जिस गोपीतालाब के सौंदर्यीकरण को लेकर भाजपा शासकों ने कई मुश्किलें झेली उसे यादगार या ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रयासों का अभाव दिखा। आयोजन स्थल पर मनपा अधिकारी और भाजपा के कुछ पार्षदों के साथ चुनींदा लोग ही नजर आए, आम जनता नदारद थी। हालांकि आयोजन के प्रति लोगों के उत्साह को इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग दूर से भी अपने छतों से इसका नजारा देखते नजर आए। गोपीतालाब को लेकर मुखर रहे नितिन भजियावाला भी समारोह स्थल पर नहीं दिखे। भजियावाला ने कहा कि वे एक धार्मिक कार्यक्रम की वजह से शहर से बाहर थे, इस वजह से कार्यक्रम में नहीं आ सके। इस वार्ड के दो पार्षद दीपक अफ्रिकावाला और वर्षा राणा आयोजन के दौरान मौजूद थी। पूर्व महापौर गीता देसाई ने अपनी उपेक्षा को लेकर आयोजन के बाद वाद-विवाद भी किया।
ऐसे भरा जाएगा तालाब
गोपीतालाब में दो जगहों से पानी लाने की तैयारी की गई है। इसमें पहले सूरत महानगर पालिका की रूस्तमपुरा स्वीमिंग पूल के पास से गुजरती चार सौ मी.मी. व्यास की पाइप लाइन के जरिए पानी लाया जाएगा। वहीं दूसरी जगह सिंचाई विभाग की उधना क्षेत्र के नेहरू नगर नहर से पाइप लाइन के जरिए पानी लाया जाएगा। इसका एक फेज का काम हो चुका है, दूसरे फेज की प्रक्रिया शुरू की गई है। तालाब की भराव क्षमता करीब 15 लाख लीटर है, वहीं 35300 वर्ग मीटर वाटर एरिया में हमेशा पानी रहे इसकी भी योजना बनी है।
गोपीतालाब की योजना
1. पहले चरण में तालाब के चारों ओर आरसीसी. दीवार, प्लेटफार्म, स्टेप्स और जेटी का निर्माण कार्य 6.09 करोड़ रुपए की लागत से पूरा हुआ।
2. दूसरे चरण में तालाब के प्लॉट के अंदर-बाहर और रोड साइड पर कम्पाउंड वॉल और सीसी रोड बनाने का काम 3.60 करोड़ रुपए के खर्च से पूरा हुआ।
3. तीसरे चरण में 10.80 करोड़ रुपए के खर्च से तालाब के चारों ओर जोन बनाने और इससे जुड़े काम चल रहा है। इसमें सात जोन सूरतनुं जमण, डायमंड जोन, एन्वायरमेंट जोन, हिस्ट्री जोन, कम्यूनल हारमोनी जोन, टेक्सटाइल जोन और फ्यूचर जोन का समावेश किया गया है।
4. तालाब में 48 लाख रुपए के खर्च से विविध प्रकार के फाउंटेन बनाने का काम होगा।
5. बालकों के लिए खेल-कूद के लिए करीब 50 लाख रुपए के खर्च से राइड्स एवं अन्य संसाधन होंगे।
6. तालाब के समीप ऐतिहासिक चतुष्कोणीय बावड़ी के संरक्षण का काम 48 लाख रुपए के खर्च से पूरा होगा।
7. गोपीतालाब के रिडेवलपमेंट का काम करीब 21.95 करोड़ रुपए के खर्च से पूरा होगा। इसके बाद गोपीतालाब शुरू होने के समय पीपीपी के तहत विभिन्न एक्टिविटी स्पीड बोट, पेडल बोट, जोरबिंग, सेगवे और बैटरी ऑपरेटेड कारसंचालित करने की योजना है।