नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने हर महीने घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम 4 रुपए बढ़ाने के फैसले को वापस ले लिया है। बताया जा रहा है कि हर महीने रसोई गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाना सरकार की गरीबों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना उज्ज्वला के उलट बैठता है।
इससे पहले सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की सभी पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को जून 2016 से एलपीजी सिलेंडर कीमतों में हर महीने चार रुपए की बढ़ोतरी का निर्देश दिया था। इसके पीछे मकसद एलपीजी पर दी जाने वाली सब्सिडी को अंतत: समाप्त करना था।
19 बार बढ़े सिलेंडर के दाम
बीते 17 माह में रसोई गैस सिलेंडर के दाम 19 किस्तों में 76.5 रुपए बढ़ाने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले दिसंबर महीने में भी इसके दाम में मासिक बढ़ोतरी नहीं की थी। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्तान पेट्रोलियम पिछले साल जुलाई से ही एलपीजी के दाम हर महीने पहली तारीख को बढ़ाती आ रही है ताकि इस पर देय सरकारी सब्सिडी को 2018 तक समाप्त किया जा सके।
इससे पहले एक नवंबर को सब्सिडी वाली एलपीजी के दाम 4.50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ाकर 495.69 रुपए किया था। सरकार ने पिछले साल सार्वजनिक तेल कंपनियों से कहा था कि वह हर महीने कीमत बढ़ाएं ताकि पूरी सब्सिडी को मार्च 2018 तक समाप्त किया जा सके।
1 अक्टूबर से नहीं बढ़े दाम
गौरतलब है कि 1 अक्टूबर से तेल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी का दाम नहीं बढ़ाया है। हालांकि मार्च 2018 तक सब्सिडी खत्म करने के लिए सरकार और कंपनियां अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही हैं।
देश भर में हैं 18 करोड़ से अधिक उपभोक्ता
देश भर में करीब 18.11 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं जो सब्सिडी वाला सिलेंडर लेते हैं। इनमें 3 करोड़ गरीब महिलाएं भी शामिल हैं, जिनको उज्जवला स्कीम के तहत मुफ्त कनेक्शन दिया गया था। इसके अलावा 2.66 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने अपनी सब्सिडी छोड़ दी है।