नई दिल्ली। राष्ट्र की सेवा में पिछले 29 सालों से तैनात भारतीय नौसेना का लम्बी दूरी का समुद्री गश्ती विमान टीयू 142 एम आगामी 29 मार्च को नौ सेना से विदा हो जाएगा।
नौसेना अध्यक्ष एडमिरल सुनील लाम्बा की मौजूदगी में तमिलनाडु के अराक्कोणम स्थित प्रमुख नौसेना वायु केंद्र आईएनएस राजाली पर आयोजित कार्यक्रम में विमान को औपचारिक रूप से विदाई दी जाएगी।
टीयू 142 एम की उत्कृष्ट सेवा के सम्मान में आईएनएस राजाली पर नौसेना अध्यक्ष द्वारा एक टीयू स्टैटिक डिस्प्ले एयरक्राफ्ट का भी उद्घाटन किया जाएगा। टीयू 142 एम लांग रेंज मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट 1998 में पूर्ववर्ती सोवियत संघ से खरीदा गया था और डबोलिम गोआ में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
बाद में 1992 में इसका बेस स्थाई रूप से आईएनएस राजाली को बना दिया गया था और यह भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा एलआरएमआर एएसडब्ल्यू बन गया था। इस विमान ने सभी बड़े नौसैनिक अभ्यासों और कार्रवाइयों में हिस्सा लेते हुए भारतीय नौसेना का गौरव बढ़ाया।
अपनी आखिरी अवस्था में होने के बावजूद इस विमान ने मार्च, 2017 में ट्रापेक्स नौसेना अभ्यास में असाधारण प्रदर्शन किया। अन्य महत्वपूर्ण समारोह आईएनएस राजाली की रजत जयंती से संबंधित होगा, जो पिछले 29 वर्षों से टीयू का पर्याय बना हुआ है और उसके लिए आश्रय स्थल रहा है।
टीयू 142 एम की भूमिका अब पी-81 एयरक्राफ्ट द्वारा अदा की जाएगी, जो हाल ही में नौसेना में शामिल किया गया है। पी-81 एयरक्राफ्ट की सभी प्रणालियां प्रमाणित सिद्ध हुई हैं और इसे भारतीय नौसेना के आप्रेशनल ग्रिड में एकीकृत किया जा चुका है।
टीयू 142 एम एयरक्राफ्ट के पिछले स्क्वाड्रन कमांडिंग आफिसर कमांडर योगेंद्र मैर, कमांडर वी. रंगनाथन को कमान सौंपेंगे, जो पी-81 के प्रथम स्क्वाड्रन कमांडिंग आफिसर होंगे।