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गूगल ने भारतीय फिल्मकार वी. शातांराम के सम्मान में बनाया डूडल - Sabguru News
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गूगल ने भारतीय फिल्मकार वी. शातांराम के सम्मान में बनाया डूडल

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गूगल ने भारतीय फिल्मकार वी. शातांराम के सम्मान में बनाया डूडल
Google Doodle pays tribute to veteran Indian filmmaker V Shantaram
Google Doodle pays tribute to veteran Indian filmmaker V Shantaram
Google Doodle pays tribute to veteran Indian filmmaker V Shantaram

मुंबई। सर्च इंजन गूगल ने शनिवार को प्रसिद्ध फिल्मकार, अभिनेता और लेखक शांताराम राजाराम वानकुद्रे की 116वीं जयंती के मौके पर उनके सम्मान में एक डूडल बनाया। शांताराम को वी. शांताराम व अन्नासाहेब के नाम से जाना जाता रहा है।

रंग-बिरंगे डूडल में शांताराम को विचारशील मुद्रा में चित्रित किया गया है और उनके पास गुजरे जमाने में फिल्मों में इस्तेमाल होने वाला कैमरा, उनकी एक मराठी फिल्म व दो अन्य ब्लॉकबस्टर फिल्मों ‘दो आंखे बारह हाथ’ और ‘झनक झनक पायल बाजे’ के चित्रों की मदद से ‘गूगल’ शब्द बनाया गया है।

शांताराम का जन्म 18 नवंबर, 1901 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक मराठी जैन परिवार में हुआ था। उन्होंने भारतीय सिनेमा की शुरुआत करने वाले महान फिल्मकार धुंडिराज गोविंद फालके ऊर्फ दादासाहेब फालके द्वारा अपनी पहली फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ (1913) के जरिए भारतीय सिनेमा का इतिहास रचने के बमुश्किल सात साल बाद 20 साल की उम्र में एक मूक फिल्म से अभिनय शुरू किया था।

इसके बाद बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न शंताराम ने न केवल अभिनय जारी रखा बल्कि फिल्म निर्माण भी किया और अभिनय के साथ ही निर्माण-निर्देशन व पहले मराठी और बाद में हिंदी फिल्मों की पटकथा लेखन में अपनी छाप छोड़ी।

शांताराम ने अपने फिल्मी करियर में वैश्विक रूप से प्रसिद्ध ‘दो आंखें बाराह हाथ’ (1957) के अलावा ‘सुरेखा हरण’ (1921), ‘सिंहगढ़’ (1923), ‘स्त्री’ (1961) और ‘डॉ. कोटिनिस की अमर कहानी’ (1946) समेत कई फिल्मों में अभिनय किया।

शांताराम को दादा साहेब फाल्के (1985) और 1902 में मरणोपरांत देश के दूसरे सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इनका निधन 30 अक्टूबर 1990 को 88 वर्ष का आयु में मुंबई में हुआ।