नई दिल्ली। दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल 18 वर्ष का हो गया है। लेकिन आज का दिन इसलिए ज्यादा खास है क्योंकि आज गूगल बालिग हो गया है। इस खास मौके पर गूगल ने खुदके लिए एक डूडल तैयार किया है।
गूगल का इतिहास
गूगल ने अपना पहला जन्मदिन 7 सितंबर, 1998 को मनाया था। आपको बताते चलें कि इसी साल 4 सितंबर को गूगल दुनिया के सामने आया था। पर इसका जन्मदिन कब मनाया जाए इसको लेकर गूगल ने आखिरकार अंतिम निर्णय लिया और वर्ष 2006 में 27 सितंबर को अपने गूगल की बर्थडे के रूप में चुना इसके बाद से आज तक गूगल इसी तारीख को अपना जन्म दिन मानता है।
गूगल नहीं, बैकरब था सर्च इंजन
क्या आप जानते हैं कि गूगल की असल स्पेलिंग क्या है। वैसे तो अंग्रेजी में लिखा जाता है google, लेकिन असल में यह googol की गलत स्पेलिंग है। पेज और ब्रेन ने पहले इसका नाम बैकरब रखा था। बाद में नाम गूगल रखा गया।
साल 1997 में कंपनी ने डोमेन रजिस्टर कराया और इसका नाम गूगल रख दिया गया। साल 2002 में गूगल ने पहली बार डूडल दिया। वैसे तो गूगल हर किसी इवेंट या किसी महान व्यक्ति को सम्मानित करने के लिए डूडल तैयार करता है। लेकिन अपने जन्मदिन पर भी हर साल एक डूडल तैयार करता है।
दुंनिया का सबसे शक्तिशाली सर्च इंजन
आज गूगल विश्व की सबसे शक्तिशाली सर्च इंजन है, जहां आपको किसी भी चीज की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकती है। पहले कंपनी का मकसद था कि वो बस दूसरी वेबसाइट्स की डिटेल्स इसमें देंगी, लेकिन फिर इरादा बदल गया और गूगल एक ऐसा प्लैटफॉर्म बन गया जहां दुनिया भर की जानकारी आसानी से एक ही जगह मिल सकती है। हर कोई एक क्लिक के साथ अपनी राहें आसान कर सकता है।
डूडल का इतिहास
गूगल के डूडल का इतिहास कुछ ऐसा है। जब भी किसी महान व्यक्ति का जन्मदिन या एनीवर्सरी होता है, कोई बड़ा इवेंट या कोई हॉलीडे उस खास दिन पर डूडल बनाकर गूगल उसे सम्मानित करता है। साल 1998 30 अगस्त पहली बार गूगल ने डूडल बनाया था। डेडिस्ट आर्ट फेस्टिवल को डूडल दिया था। उसके बाद साल 2009 में डूडल टीम तैयार हुई। 10 लोगों की इस टीम ने एक बार में 400 डूडल बनाए। इस टीम का हिस्सा 4 इंजीनियर, दो प्रोड्यूसर और तीन कुत्ते थे। फिर ये सिलसिला शुरू हो गया। साल 2010 के जनवरी में पहली बार एनिमेटेड डूडल बना। उसी साल 21 मई को इंटरेक्टिव डूडल बना। साल 2011 में सबसे लोकप्रिय डूडल बना।
लोगो का दिलचस्प
ये इसके लोगो का दिलचस्प राज गूगल लोगो का दिलचस्प राज यह है कि 31 मार्च 2001 को यह होम पेज पर सेंटर में शामिल नहीं था। 31 मार्च 2001 के बाद इसे होम पेज पर सेंटर में जगह दी गई। साल 1998 से 2001 तक इसकी प्लेसिंग बायीं तरफ थी। गूगल सर्च इंजन में दूसरे नंबर पर कायम याहू की स्टाइल में गूगल लिखने के बाद एक्सक्लेमेंट्री मार्क भी लगाता था।