भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 और 3 दिसंबर वर्ष-1984 की दरम्यानी रात 25 हजार से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला देने वाली दुनिया की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी (भोपाल गैस कांड) की बुधवार को 30वीं बरसी है। प्रदेश के राज्यपालराम नरेश यादव ने त्रासदी के दिवंगतजनों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रभावितों के जल्द स्वास्थ्य लाभ और पुनर्वास की कामना की है।
राज्यपाल यादव ने कहा कि विश्व की इस भयानक त्रासदी की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए उद्योग स्थापित करने से पूर्व समुचित सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कर लेना चाहिए। यादव ने कहा कि 30 वर्ष बीत जाने के बाद भी त्रासदी की दुरूखद यादें आज भी ताजा हैं। राज्यपाल ने कहा है कि यह भीषणतम त्रासदी पूरे विश्व के लिए दु:खद, चिन्ताजनक और प्रेरणादायी है। इस घटना से विकासशील और विकसित देशों सहित पूरे विश्व को अत्यधिक सचेत रहना चाहिए।
भोपाल गैस त्रासदी के जख्म आज भी हरे हैं। उस रात भोपाल के 25 हजार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि लाखों लोग अपंग तथा विभिन्न बीमारियों के शिकार हो गए, जो आज भी उस त्रासदी का दंश झेलने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं, यूनियन कार्बाइड कंपनी के आसपास के इलाकों में घटना के बाद से अब तक जन्म लेने वाले भी विभिन्न बीमारियों के शिकार पाए जा रहे हैं।
भोपाल गैस त्रासदी को बुधवार को 30 साल बीत चुके हैं। इतने वर्षों में विभिन्न संगठनों द्वारा गैस पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कई आंदोलन किए, केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक को झकझोर देने वाले प्रदर्शन हुए, लेकिन इसके बावजूद पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिल सका है।
गैस पीड़ितों के लिए कार्यरत संगठनों द्वारा भारत की केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही अमेरिकी सरकार पर दोषी कंपनियों को बचाने का आरोप लगाया जाता रहा है और यह बात बहुत हद तक सच भी है, क्योंकि इस घटना के किसी भी दोषी को आज तक कोई सजा नहीं मिली है।
पिछले एक महीने पहले ही यूनियन कार्बाइड के संस्थापक वारेन एंडरसन की मौत हुई, लेकिन वह घटना के बाद से ही आराम का जीवन मजे से गुजरता रहा और इधर भोपाल में गैस पीड़ित घुट-घुटकर जी रहे हैं। हालांकि, पीड़ितों को थोड़ा बहुत मुआवजा जरूर दिया गया है, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है।
अब एमनेस्टी इंटरनेशनल नामक संस्था के सलील शेट्टी का ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बुलाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आ रहे हैं, उन्हें इस हादसे के लिए भारत के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।