नई दिल्ली। भूकंप के तीव्र झटकों के बाद मीडिया प्लेटफॉर्म पर अफवाहों का बाजार गर्मा गया है इस बीच तरह-तरह की अफवाहें उड़ाई जा रही हैं। भूकंप के बाद चांद का उल्टा दिखना, रात एक बजे फिर भूकंप आना और पानी का जहरीला होना इस तरह की अफवाहों से लोग काफी दहशत में आ गए हैं।
इस संबंध में सरकार ने अपील करते हुए कहा कि इस तरह की अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। बस सावधान रहें और सुरक्षित रहें।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कुछ अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा भूकंप की आशंका को लेकर जताए जा रहे पूर्वानुमानों को गलत और बेबुनियाद बताया। साथ ही, उन्होंने कहा कि किसी विदेशी या घरेलू संगठन ने इस तरह का कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया है। भूकंप की आशंका की खबरें पूरी तरह निराधार और गलत हैं।
इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। केवल गृह, रक्षा, विदेश मंत्रालयों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण या भारतीय मौसम विभाग के अधिकृत लोगों के बयानों पर ही ध्यान दिया जाए।
भूकंप के बाद कुछ इस तरह की अफवाहें फैली जिससे लोग बुरी तरह से डरे हुए हैं। पहली अफवाह तो ये कि चांद उल्टा हो गया है और यह एक अनहोनी की निशानी है। डॉ. एके सेन, निदेशक मौसम विज्ञान ने इस बात को गलत बताते हुए कहा कि इस माह में चांद ऐसा ही दिखता है। यह कोई अनहोनी नहीं है। वहीं, दूसरी अफवाह में रात एक बजे फिर भूकंप आएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह भविष्यवाणी की ही नहीं जा सकती है कि भूकंप कब आएगा। बड़े भूकंप के बाद छोटे-छोटे और हल्के झटके आते हैं लेकिन वे खतरनाक नहीं होते हैं। अब पहले जितनी तीव्रता से भूकंप नहीं आएगा। हल्के झटके आ सकते हैं, हो सकता है नहीं भी आए।
इसके बाद तीसरी अफवाह में पानी के जहरीले होने बात सामने आई। यह बात पूरी तरह गलत है। भूगोलविद और नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रासबिहारी प्रसाद सिंह कहते हैं रिक्टर स्केल पर नौ से अधिक तीव्रता से यदि भूकंप मापा जाता है, तो पानी गर्म हो सकता है। जमीन में दरारें फटती हैं, कहीं-कहीं जमीन से बालू भी निकलता है लेकिन पानी के जहरीले होने का कोई प्रश्न की नहीं बनता। सोशल मीडिया के जरिए कुछ शरारती तत्व लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
इसके साथ ही, अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भारत में भूकंप को लेकर कोई भविष्यवाणी नहीं की है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने उस ‘संदेश’ को अनदेखा करने की अपील है, जिसमें उत्तर भारत में भीषण भूकंप का अनुमान जाहिर किया गया है। मौसम विभाग ने उस मैसेज को फर्जी बताया है।
इस संबंध में एक भू-विज्ञानी ने बताया, अमरीका का नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिस्ट्रेशन (नासा) भूकंप के बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। इस तरह के मैसेज लोगों में आतंक फैलाने के मकसद से प्रसारित किए जाते हैं। अफवाहें फैलाने के बारे में मौसम विभाग ने कहा, केंद्र सरकार को इस संबंध में अमरीका की तरफ से कोई सूचना नहीं मिली है।
एक अधिकारी ने कहा, कोई भी देश भूकंप के बारे में पुर्वानुमान जाहिर नहीं कर सकता है। अभी तकनीक इतनी विकसित नहीं हुई है। चीन में इसे लेकर शोध हो रहे हैं।