नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश को नकदरहित अर्थव्यवस्था (कैशलेस इकोनॉमी) की तरफ ले जाने के मद्देनजर देशी मोबाइल कंपनी निर्माताओं से कहा है कि वे सस्ते मोबाइल स्मार्टफोन बनाएं जिसकी कीमत 2000 रुपये से कम हो, ताकि लोग आसानी से डिजिटल लेन-देन कर सकें।
नीति आयोग की एक बैठक में सरकार ने माइक्रोमैक्स, इंटेक्स, लावा और कॉर्बन जैसी मोबाइल निर्माता कंपनियों से कहा है कि वे कम कीमतों वाले स्मार्टफोन बनाएं जिसके जरिए यूजर्स डिजिटल ट्रांजेक्शन कर सकें। खास बात ये है कि सरकार ने इसके लिए चाइनीज मोबाइल कंपनियों से संपर्क नहीं किया।
सरकार का कहना है कि जब तक लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं होंगे, वे डि़जिटल ट्रांजेक्शन नहीं कर सकेंगे। इसलिए लोकल मोबाइल कंपनियों से कहा गया है कि कि वे सस्ते स्मार्टफोन बनाए जिसमें आधार कार्ड को स्कैन करने जैसी सुविधाएं मौजूद हों।
कैशलेस ट्रांजेक्शन को ध्यान में रखकर ही सरकार ने हाल ही में भीम (बीएचआइएम) ऐप लॉन्च किया है, लेकिन इस ऐप का इस्तेमाल वे ही कर पाएंगे जिनके पास स्मार्टफोन मौजूद होगा।
गौरतलब है कि भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 30 करोड़ है। जहां शहरों में स्मार्टफोन के इस्तेमाल का चलन ज्यादा देखने को मिलता है, वहीं गांवों में आज भी ज्यादातर लोगों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध नहीं है।