नई दिल्ली । सरकार ने छत्तीसगढ़ के बस्तर डिवीजन में नक्सलवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अर्द्धसैन्य बलों के और 11 हजार कर्मियों की तैनाती का फैसला किया है। हाल में यहां माओवादी हमले में सीआरपीएफ के 14 जवान मारे गए थे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार तीन बटालियन बस्तर के ग्रामीण इलाकों के घने जंगलों में पहुंच चुकी हैं। बाकी आठ बटालियन के सुरक्षाकर्मियों की तैनाती भी अगले वर्ष अप्रैल तक हो जाने की आशा है। बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर और कांकेर जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में पहले से ही केन्द्रीय सुरक्षाबलों के 31 हजार कर्मी तैनात हैं।
11 बटालियन में से तीन बटालियन के जवान पहले ही बस्तर डिवीजन के सात जिलों में पहुंच गए हैं और वहां के घने जंगलों और गांवों में तैनात हो गए हैं। बस्तर डिवीजन सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह तीन राज्यों (महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और ओडिसा) के नक्सल प्रभावित जंगलों से घिरा हुआ है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि सभी 11 बटालियनों की तैनाती अगले साल अप्रैल तक होगी। बस्तर डिवीजन में छत्तीसगढ़ के सात जिले बिजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर और कांकेर में पहले से सीआरपीएफ की 31 बटालियनों के 31 हजार जवान तैनात हैं।