सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला चिकित्सालय की बेहोश चिकित्सा व्यवस्था को होश दिलवाने के लिए चिकित्सालय निदेशालय की ओर से शनिवार को जिला चिकित्सालय में निश्चेतक समेत चार विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं।
इस संबंध में संयम लोढ़ा ने राजस्थान उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई हुई है, वहीं चार दिन बाद मुख्यमंत्री का दौरा भी हो रहा है। पूर्व में भी इसी तरह के आदेश हुए हैं, लेकिन चिकित्सकों ने जिला चिकित्सालय सिरोही में ज्वाइन नहीं किया। वैसे लोढ़ा इस प्रकरण में निरंतर हाईकोर्ट को जिला चिकित्सालय की व्यस्थाएं सुधारने के संबंध में राज्य सरकार की ओर से किए गए प्रयासों से अवगत भी करवा रहे हैं।
चिकित्सा निदेशक की ओर शनिवार को जारी आदेशानुसार डॉ प्रकाशचंद (निश्चेतन), डॉ नरेन्द्रसिंह सोलंकी (अस्थिरोग), डॉ संतोष राजपुरोहित (गायनी), डॉ अरविंद (सर्जरी) व डॉ राघव कुमार (रेडियो- डायग्नोसिस) को सिरोही जिला चिकित्सालय में नियुक्त किया है। इन चिकित्सकों को पीजी पूर्ण करने के बाद कार्यमुक्त करते हुए सिरोही जिला चिकित्सालय में नियुक्ति दी गई है। हाल ही मे ंलोढ़ा ने उच्च न्यायालय को बताया था कि जिला चिकित्सालय में हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी निश्चेतक तथा अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की गई है। इसे उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लिया और स्वास्थ्य सचिव को ही इस मामले में तलब कर लिया है। ऐसे में अगली पेशी से पूर्व स्वास्थ्य सचिव की ओर से हाईकोर्ट में जवाब देने की स्थिति बनने की कवायद की जा रही है।
-समय हमेशा ऐसा कि ले जाए राजनीतिक माइलेज
सिरोही जिला चिकित्सालय में बड़ी संख्या में चिकित्सकों की नियुक्ति के आदेश होना का यह तीसरा मामला है। यह बात अलग है कि पूर्व की दो सूचियों से कई चिकित्सकों ने यहां पर ज्वाइन नहीं किया। इसका समय हमेशा ही ऐसा रहा है कि सरकार इसका लाभ ले जाए, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है, लेकिन सरकार के आदेशों को चिकित्सकों की ओर से धता बता देने से सरकार को जनता में शर्मींदगी ही उठानी पड़ी।
सिरोही जिला चिकित्सालय में बड़ी संख्या में चिकित्सकों की सबसे बड़ी स्थानांतरण सूची निदेशालय ने फरवरी में जारी की थी। इस दौरान डेढ दर्जन चिकित्सकों का स्थानांतरण सिरोही चिकित्सालय में किया गया था, इस दौरान चिकित्सा मंत्री को ट्रोमा सेंटर, आईसीयू, बर्न वार्ड के उद्घाटन के लिए आना था। इसका भाजपा ने जमकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की, लेकिन चिकित्सकों के चिकित्सा मंत्री के जाने के बाद एक एक करके लौट जाने की बात सामने आई तो भाजपा को बैकफुट पर जाना पड़ा।
दूसरी बड़ी सूची जून में जारी हुई। इस दौरान लोढा की ओर से हाईकोर्ट में याचिका लग चुकी थी और हाईकोर्ट की ओर से सिरोही जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं सुधारने के आदेश हो गए थे। इसी दौरान जून में मुख्यमंत्री के आने की चर्चा चली, लेकिन उनके स्थान पर छह मंत्रियों का समुह यहां आया। इसका भी भाजपा ने राजनीतिक लाभ लिया, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों के नहीं आने पर फिर शर्मींदगी उठानी पड़ी। उधर, इस मामले को लोढ़ा ने हाईकोर्ट में फिर उठाया, जिस पर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को ही तलब कर लिया है।
अब मुख्यमंत्री के दौरे के चार दिन पहले विशेषज्ञों की नियुुक्ति की सूची जारी की गई है। इसका भाजपा पूर्व के बुरे अनुभवों के अनुसार लाभ उठाती है या नहीं यह देखना है। क्योंकि इन्होंने भी यदि ज्वाइन नहीं किया तो फिर तो भाजपा को तो प्रधानमंत्री के आने का ही इंतजार करना होगा, वहीं लोढ़ा के पास हाईकोर्ट का ब्रह्मास्त्र तब भी शेष रहेगा। जिसका इस्तेमाल वह अगस्त में स्वास्थ्य सचिव की मौजूदगी में कर सकते हैं।