नई दिल्ली। भारतीय इस्लामी उपदेशक एवं प्रसारक डॉ जाकिर नाइक के उपदेशों से मुस्लिम युवाओं के गुमराह होने के मामले में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़ा रूख अपनाते हुए कहा है कि नाइक के भाषणों की जांच की जा रही है।
जांच के बाद सुनिश्चित किया जाएगा कि इस मामले में क्या उचित कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार भी अलग से जांच करवा रही है। राजनाथ सिंह ने गुरूवार को कहा कि भाजपा सरकार आतंकवाद के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी और गृह मंत्रालय पूरे मामले का विश्लेषण करेगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने भी जाकिर नाइक के भाषणों को आपत्तिजनक बताया है। उन्होंने कहा कि जाकिर नाइक के भाषणों से जुड़ी जो भी खबरें अखबारों में प्रकाशित हो रही हैं वह आपत्तिजनक है।
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि वो नाइक पर लग रहे आरोपों की जांच कर रिपोर्ट सौंपे। शिवसेना ने भी नाइक के भाषणों और उनकी विचारधारा की निंदा करते हुए भारत वापस आते ही उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है।
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने केंद्र को पत्र लिख कर मांग की है कि डॉक्टर जाकिर नाइक के भारत वापस आने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। अगर फिर भी वो आते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए।
दअरसल ढाका आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों में से एक आतंकी के इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक से प्रभावित होने की खबरें सामने आने के बाद उनके संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठने लगी है।
इससे पहले गुरुवार को मुंबई में रज़ा अकादमी ने नाइक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने तुरंत डॉक्टर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी।
कुछ साल पहले भी रज़ा अकादमी ने दफ़्तर के बाहर हंगामा किया था। पुलिस ने रज़ा अकादमी द्वारा शुक्रवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इंकार कर दिया है।
दूसरी तरफ डॉक्टर नाइक ने सऊदी से अपने ऊपर लग रहे आरोपों का खंडन करते हुए कुछ वीडियो क्लिप भेजी हैं। अपनी सफाई में उन्होंने कहा है कि उनकी बातों का गलत अर्थ निकाला गया और उनके कई वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। वह किसी भी रूप में आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं।
नाइक ने टेलीविजन पर अपने एक भाषण में कथित रूप से सभी मुसलमानों से आतंकवादी बनने की अपील की थी। इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक नाएक को विवादास्पद इस्लामी वक्ता होने और भड़काऊ भाषण देने के चलते ब्रिटेन, कनाडा और मलेशिया जैसे देशों में प्रतिबंधित किया गया है।