नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी (एनएफएलएमडब्ल्यू) एक जुलाई 2015 से 137 रुपए से बढ़ाकर 160 रुपए प्रति दिन की गई है।
सभी मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारु दत्तात्रेय ने यह अनुरोध किया है कि राज्य/ संघ शासित प्रदेश में सभी अनुसूचित रोजगारों के संबंध में मजदूरी की न्यूनतम दरें निर्धारित/ संशोधित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं और यह दरें एक जुलाई 2015 से प्रभावी 160 रुपए प्रति दिन एनएफएलएमडब्ल्यू से कम न हों।
उन्होंने न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के विभिन्न प्रावधानों को सुनिश्चित रूप से लागू करने पर भी जोर दिया ताकि कामगारों को न्यूनतम वेतन दिलाने के उद्देश्य को पूरा किया जा सके।
अप्रैल 2012 से मार्च 2013 तक की अवधि की तुलना में अप्रैल 2014 से मार्च 2015 के दौरान औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) की गति की समीक्षा करते हुए यह पाया गया कि औसत सीपीआई-आईडब्ल्यू 215.17 से बढ़कर 250.83 हो गया है। तदनुसार एनएफएलएमडब्ल्यू को संशोधित करके एक जुलाई 2015 से 137 रुपए से बढ़ाकर 160 रुपये प्रति दिन किया गया है।
पूरे देश में समान वेतन ढांचा बनाने और न्यूनतम वेतन में विषमता दूर करने के लिए एनएफएलएमयू निर्धारित किया गया है इसके लिए औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) में बढ़ोतरी के आधार पर समय-समय पर एनएफएलएमयू निर्धारित किया जाता है। एनएफएलएमयू को पिछली बार एक जुलाई 2013 से प्रभावी करके 115 रुपए से बढ़ाकर 137 रुपए प्रतिदिन संशोधित किया गया था।