सिरोही। सरकार सिरोही जिले की पेयजल समस्या का समग्र समाधान निकालने के लिए संवेदनशील है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के विशेष दिशा निर्देश पर बाड़मेर, जैसलमेर एवं सिरोही जिले का दौरा कर वस्तु स्थिति की जानकारी ली गई है।
जलदाय मंत्री किरण माहेश्वरी रविवार को जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप एवं देवस्थान राज्य व जिले के प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी एवं अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट के सभागार में आवश्यक बैठक ले रही थीं।
उन्होंने जिले की पेयजल की समस्या के समग्र समाधान के लिये जलदाय विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे सबसे पहले जिले के क्षेत्रीय पेयजल स्त्रोतों से मिलने वाले पानी को स्वच्छ रूप में लोगों को उपब्ध कराने के लिये योजनाबद्ध तरीके से प्रबंधन स्थापित करें। इसके लिये 160 आर.ओ. दिये जायेंगे। जलदाय मंत्री ने इस दृष्टि से कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए और आबूरोड क्षेत्र की पेयजल समस्या के समाधान के लिए भैंसासिंह बांध के पानी के उपयोग के लिए तीन दिन में डी.पी.आर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इससे आबूरोड को मिलने वाले 5 एमएलडी पानी की मात्रा 8 एमएलडी तक बढ़ जायेगी। इस संबंध में एक हफ्ते में कार्यवाही करने को कहा गया है।
लोअर एवं अपर कोदरला बांध की मरम्मत एवं डीसिल्टिंग कार्य करने के लिये आवश्यक कार्यवाही हेतु भी दिशा निर्देश भी दिये गये। बत्तीसा नाला बांध निर्माण की 185 करोड़ रुपये की डी.पी.आर, से जुड़े तकमीने, वन, सार्वजनिक निर्माण एवं जल संसाधन विभाग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर रिपोर्ट देने को कहा गया हैं। इससे सिरोही को 500 एमसीएफटी पानी उपलब्ध होगा।
जिले में संचालित 66 जनता जल योजनाओं को क्रियान्वित करने, कुआं गहरा कराने आदि के लिये भेजने को कहा गया और 43.7 लाख रूपये व्यय होने की संभावना व्यक्त की गई।
आबूरोड एवं सिरोही शहर की पुरानी पाईप लाईन की मरम्मत आदि पर विचार कर निर्णय लिया गया और इसके लिए पर्याप्त धन राशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। गांधीनगर,आकरा भट्टा, लुणियापुरा एवं मंडार में एक-एक ड्यूबवैल खोदने, कुएं, बावडियों की सफाई, स्वच्छ पेयजल के लिये डीएफयू प्लांट लगाने, प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिये प्रयास करने को कहा गया।
पेयजल प्रबंधन की दृष्टि से सिरोही पायलट जिले के रूप में
जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने कहा कि पेयजल सिंचाई प्रबंधन की दृष्टि से सरकार ने सिरोही को पायलट जिले के रूप मेें लिया है। उन्होंने अधिकारियों से भू जल उपलब्धता की स्थिति तथा सिंचाई के लिये पानी की आवश्यकता के संबंध में विभागीय तकनीकी आधिकारियों से जानकारी ली और फिल्टर प्लंाट बनाने का सुझाव भी रखा।
उन्होंने सेई बांध की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। सालगांव परियोजना पर चर्चा की। जलदाय एवं जल संसाधन मंत्री ने दोनों विभाग के तकनीकी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जनप्रतिनिधियों एवं जिला कलक्टर व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर पेयजल स्रोतों की स्थिति के बारे में जानकारी लेकर उपलब्ध पानी को पेयजल के रूप में लोगों को किस प्रकार उपलब्ध कराया जा सकता है इसके बारे में प्रस्ताव बनाकर भेजें।
देवस्थान राज्य एवं जिले के प्रभारी मंत्री ओटाराम देवासी ने जिले की पेयजल समस्या के समाधान के लिये सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के प्रति प्रशंसा करते हुए आशा व्यक्त की कि निश्चय ही अब जिले को पेयजल उपलब्ध होगा लोगों की समस्या दूर होगी।
बैठक में विधायक सामाराम गरासिया व जगसीराम कोली, मा.आबू नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश थिंगर, शिवगंज नगरपालिका की अध्यक्ष, नगर परिषद सभापति ताराराम माली पिंडवाड़ा पंचायत समिति की प्रधान, पूर्व विधायक श्रीमती तारा भंडारी, उपजिला प्रमुख कानाराम चौधरी, लुम्बाराम तथा अरूण परसराम पुरिया ने पेयजल प्रबंधन से अवगत कराया और सुझाव रखे।
जिला कलक्टर वी.सरवन कुमार ने जिले की पेयजल स्थिति से अवगत कराया। अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रहलाद सहाय नागा, उपखंड अधिकारी ओ.पी. विश्नोई सहित जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता डॉ. आर.के. विश्नोई, पी.एस. शर्मा, जलसंसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता एस.एल. परमार, अधीक्षण अभियंता देवराज सोलंकी एवं के.एल. कान्त सहित तकनीकी अधिकारी मौजूद थे।