नई दिल्ली। भारत उन संस्थानों पर विचार कर रहा हैं जहां पाकिस्तान से मूक एवं बधिर भारतीय लड़की को लाकर तब तक रखा जा सके जब तक उसके माता-पिता की पहचान नहीं हो जाती।
पंजाब, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के चार परिवारों ने गीता को अपनी बेटी बताया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे गीता को अपनी बेटी बताने वाले परिवारों की तस्वीरें भेजें ताकि उनको पहचान के लिए उसके पास भेजा जा सके।
विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि तस्वीरें गीता के पास भेजी जाएंगी और अगर वह उनकी पहचान कर लेती है तो फिर उसके माता-पिता की पहचान के लिए डीएनए जांच का अगला कदम उठाया जाएगा।
स्वरूप ने संवाददाताओं से कहा कि हम गीता को तस्वीरें दिखाना चाहते हैं। अगर वह उनमें से किसी को पहचानकर कहती है कि ये मेरे मां-बाप हैं तो फिर डीएनए जांच का अगला कदम उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार गीता को पाकिस्तान से वापस लाने के लिए प्रयास कर रही है। स्वरूप ने कहा कि हम उसको वापस लाने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं। हम उसके लिए सुरक्षित स्थान भी देख रहे हैं जहां उसे रखा जा सके।
गीता का संरक्षण हासिल करने की मांग वाली याचिका खारिज
पाकिस्तान की एक अदालत ने गुरुवार को एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पाकिस्तान में वर्षों से फंसी मूक और बधिर भारतीय लड़की के संरक्षण की मांग की गई थी।
हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और वकील मोमिनीन मलिक ने सिंध हाईकोट में याचिका दायर कर 23 साल की गीता के संरक्षण की मांग की थी। मलिक ने स्थानीय वकीलों के जरिए आवेदन दायर किया था ताकि वह लड़की को वापस भारत ले जा सकें।