सबगुरु न्यूज-सिरोही। लोकायुक्त एसएस कोठारी ने यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि लोकायुक्त को और अधिक शक्तियां दी जानी चाहिए ताकि वह भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगा सके। वे सिरोही प्रवास के दौरान सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में लोकायुक्त को उडीसा, मध्यप्रदेश की तरह और अधिक प्रभावशाली और ताकतवर बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि वह स्वयं ही भ्रष्टाचार की शिकायत आने पर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में जो व्यवस्था है उसके तहत लोकायुक्त भ्रष्टाचार के मामलों में मिली हुई शिकायतों की जांच करके उसे संबंधित विभाग को भेज देता है। संबंधित विभाग प्रकरणों में दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करता है। यदि लोकायुक्त का और अधिक शक्तियों से लेस करते हुए यह सभी शक्तियां दी जाएं तो राज्य में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वह सरकार से इस बात का अनुरोध करें कि लोकायुक्त का पर्याप्त शक्तियां दी जाएं। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त में आने के बाद भ्रष्टाचार की कोई भी जांच दब नहीं सकती। तीन साल में लोकायुक्त सचिवालय ने राजस्थान में भ्रष्टाचार की ग्यारह हजार जांचें पूरी करके संबंधित विभगों को भेज दी है। बाद में उन्होंने अधिकारियों की भी बैठक लेकर उनसे सिरोही जिले में संबंधित विभागों के दर्ज 78 प्रकरणों की प्रगति भी मांगीं।
-सीसीटीवी कैमरा घोटाले की जांच अंतिम चरण में
लोकायुक्त न्यायाधीश एसएस कोठारी ने बताया कि लोकायुक्त में सिरोही के 78 मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि सिरोही नगर पालिका का सीसीटीवी कैमरा अनियमितता एक फुलप्रुफ केस है। इसकी जांच करके डीएलबी को भेज दी है। डीएलबी ने संबंधित लोगों को नोटिस भी जारी कर दिए है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में निश्चित रूप से सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरे में शीघ्र आरोप पत्र दाखिल किए जाने की संभावना है। (https://www.sabguru.com/probe-in-cctv-camera-purchase-1/)
-यूं कर सकते हैं शिकायत
उन्होंने बताया कि लोकायुक्त में भ्रष्टाचार, सरकारी मिलीभगत से लोगों के काम अटकाने जैसे किसी भी मामले की शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इसके लिए एक दस रुपये के स्टाम्प शपथ के साथ शिकायत और उससे जुडे दस्तावेज लोकायुक्त को भेजनी होती है। इसके बाद जांच शुरू हो जाती है। इसके बाद शिकायतकर्ता को समय-समय पर जांच के बिंदुओं और प्रगति से भी अवगत करवाया जाता है।