नई दिल्ली। रेलवे ने स्वच्छता अभियान को ठोस रूप देते हुए स्टेशनों में साफ सफाई के नए कडे मानक तय कर दिए हैं तथा ए-1 एवं ए श्रेणी के पचास स्टेशनों पर चमक, धूल, दुर्गन्ध और दाग धब्बों के आधार पर सफाई की रेटिंग करने का फैसला किया है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु की इस पहल के तहत प्रत्येक स्टेशन पर एक अधिकारी की नियुक्ति होगी जो साफ सफाई के लिए जिम्मेदार होगा जिसके पास लोक स्वास्थ्य प्रबंधन का डिप्लोमा या डिग्री होना अनिवार्य होगा।
स्टेशनों पर साफ सफाई के इस अभियान के दायरे में रेलवे ट्रैक, प्लेटफार्म, स्टेशन का प्रत्येक कोना, शौचालय, प्रतीक्षालय, टिकट खिड़की, आरक्षण काउंटर, माल एवं पार्सल बुकिंग स्थल, कोचिंग डिपो से होम सिग्नल तक समूचा इलाका शामिल होगा।
रेलवे बोर्ड के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार दीवारें, छतें खंभे, शेड भी देखें जाएंगे कि कहीं कोई गंदगी या धूल तो नहीं जमी है, खाने पीने का सामान तो नहीं पड़ा है।
यहां तक कि कोनों में चिडिया के घोंसले और पक्षियों की बीट के निशानों से भी कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार रेलवे स्टेशन परिसर अब पांच सितारा होटलों या हवाई अड्डों की तरह चमचमाएंगे।